अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का शव हैदरपोरा स्थित कब्रिस्तान से निकाल कर पुराने शहर स्थित ईदगाह कब्रिस्तान में दफनाने से रोकने के लिए प्राधिकारियों द्वारा शहर के कुछ हिस्सों में लगाए गए प्रतिबंध के चलते सोमवार को पांचवें दिन भी जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने कहा, ‘‘एहतियात के तौर पर शहर के हैदरपोरा और ईदगाह इलाकों के आसपास प्रतिबंध लगाए गए हैं।’’
अधिकारियों ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली थी कि शरारती तत्व गिलानी के शव को उस ईदगाह कब्रिस्तान में दफनाने के लिए कब्र से निकालने का प्रयास कर सकते हैं, जहां कई आतंकवादियों और दो शीर्ष अलगाववादी नेताओं – अब्दुल गनी लोन और मीरवाइज मोहम्मद फारूक को दफनाया गया है। अलगाववादियों की ओर से पिछले साल फरवरी में जारी एक बयान के मुताबिक गिलानी ने ईदगाह कब्रिस्तान में दफनाए जाने की इच्छा जाहिर की थी। 91 वर्षीय गिलानी का बुधवार रात यहां उनके घर पर निधन हो गया था।
सभी सड़कों पर लगा दी गई है बैरिकेड
अधिकारियों ने कहा कि ईदगाह और हैदरपोरा की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर बैरिकेड लगा दी गई है और इन इलाकों में निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि हैदरपोरा कब्रिस्तान में सीसीटीवी कैमरे पहले ही लगाए जा चुके हैं जहां गिलानी को गुरुवार को दफनाया गया था। शहर में अन्य जगहों पर प्रतिबंधों के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ क्योंकि बाजार आंशिक रूप से खुले थे।
मोबाइल उपकरणों पर इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के कारण ऑनलाइन कक्षाओं जैसी शैक्षिक गतिविधियां निलंबित रहीं। इंटरनेट सेवाएं फिलहाल केवल घाटी में ब्रॉडबैंड और फाइबर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। वहीं अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत के बाद उसके शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने का मामला सामने आया है। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है। मामले के तूल पकड़ने के बाद गिलानी के स्वजन व अन्य के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
कश्मीर में आज शाम से मोबाइल इंटरनेट सेवा होगी बहाल
वहीं शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम को कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की बुधवार रात हुई मौत के बाद एहतियात के तौर पर कश्मीर में इंटरनेट और वॉयस कॉलिंग सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी। वॉयस कॉलिंग और ब्रॉडबैंड इंटरनेट को बाद में शुक्रवार को बहाल कर दिया गया क्योंकि गिलानी की मौत के बाद स्थिति शांतिपूर्ण रही। हालांकि, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं। पुलिस ने कहा कि घाटी में स्थिति का आकलन करने के बाद चरणों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बहाल की जा रही है।