जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से हालत सामान्य होते नजर आ रहे है। लोग अपने-अपने कामों के लिए घर से बाहर निकल रहे है। श्रीनगर में लोग अपने दैनिक कामों के लिए आगे बढ़ रहे है। घाटी के कई इलाकों में स्कूल व बाजार खोल दिए गए है। वहीं स्थानीय लोग जुम्मे की नमाज अदा करने के लिए श्रीनगर की मस्जिद में पहुंचने लगे है।
छात्र-छात्राएं सामान्य तरीके से स्कूल जा रहा है। कठुआ में हालत सामान्य देखते हुए आज फिर से स्कूल खोले गए है।उधमपुर में आज फिर से स्कूल खुल गए। उधमपुर के पुलिस उपायुक्त पीयूष सिंगला ने कहा, “धारा 144 अभी भी लागू है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में कुछ अपवादों के साथ सुरक्षा योजना लागू है। कमजोर क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। बाजार भी सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहेंगे।
कश्मीर घाटी में प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी ताकि लोग स्थानीय मस्जिदों में जुम्मे की नमाज पढ़ सकें। साथ ही, किसी भी संभावित विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पूरी घाटी में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि किसी भी कश्मीरी को परेशान नहीं किया जाए। इसके बाद यह कदम उठाया गया है।
उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि जुम्मे पर लोगों के ऐतिहासिक जामा मस्जिद में एकत्र होने की इजाजत नहीं होगी। लोग अपने इलाके की स्थानीय मस्जिदों में नमाज पढ़ सकते हैं। अन्य अधिकारियों ने बताया कि जुम्मे की नमाज से पहले पूरे कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के खिलाफ संभावित विरोध प्रदर्शन को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि श्रीनगर के सिविल लाइन्स और डल झील इलाके में लोगों को आवाजाही की छूट देने के एक दिन बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ये एहतियाती कदम उठाए गए हैं।