जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के नेतृत्व वाले राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने रविवार को बेनामी लेन-देन से निपटने वाले एक विधेयक को मंजूरी दी। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
बेनामी लेन-देन वह होता है जो किसी फर्जी नाम से किया जाता है या मालिक को संपत्ति के स्वामित्व की जानकारी नहीं होती है या संपत्ति के लिए धन देने वाले व्यक्ति का पता नहीं होता है।
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प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू कश्मीर बेनामी संपत्ति लेन-देन रोकथाम विधेयक 2018 एक व्यापक कानून है जिसका उद्देश्य राज्य में बेनामी लेन-देन से निपटना है।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक में कानून लागू करने के लिए जरूरी प्रशासनिक ढांचे के सृजन की व्यवस्था है और यह संबंधित प्राधिकारों को बेनामी संपत्तियों को जब्त और कुर्क करने की शक्ति देता है।
प्रवक्ता ने कहा कि विधेयक में मौजूद दंडात्मक प्रावधानों में बेनामी लेन-देन के दोषियों के लिये कम से कम एक साल के कारावास की सजा का प्रावधान है, जिसे सात साल तक बढाने की व्यवस्था है।
एसएसी ने एक अन्य फैसले में सिविल प्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक 2018 को मंजूरी दी, जो मामलों के समयबद्ध तरीके से निपटारे में मदद करेगा।