जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के एक गांव में रविवार को मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। आतंकियों से लोहा लेते हुए भारतीय सेना का एक जवान भी शहीद हो गया। मारे गए आतंकियों में से एक की पहचान हिजबुल मुजाहिदीन के ताहिर अहमद भट उर्फ उकाब के रूप में हुई है।
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक मुकेश सिंह ने बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी ताहिर अहमद भट की हत्या सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता है और अब डोडा को आतंकवाद से मुक्त कहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि 5 घंटे तक चली इस मुठभेड़ के बाद बड़ी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कल रात हमें डोडा के खोत्र गांव में आतंकवादी ताहिर अहमद भट की उपस्थिति के बारे में जानकारी मिली। हम जनवरी 2020 से इस आतंकवादी की तलाश में थे जब हमने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी हारून की हत्या कर दी। हारून के बाद आतंकवादी भट यहां आतंकी गतिविधियों को नियंत्रित कर रहा था।
डोडा शहर से 26 किलोमीटर दूर गुंडाना इलाके के पोस्ता-पोत्रा गांव में एक संयुक्त अभियान चलाया। इसके बाद दोनों ओर से मुठभेड़ शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं जिसमें सेना का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि सेना की राष्ट्रीय राइफल्स, पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त दलों ने एक मकान में दो संदिग्ध आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद शनिवार रात को अभियान चलाया। संयुक्त दल जब ठिकाने की ओर बढ़ रहा था तब सुबह करीब साढ़े सात बजे उन पर भारी गोलीबारी की गई जिसका उन्होंने जवाब दिया।
आतंकवादी संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद एक मकान में छिप गए। डोडा जिले में इस साल सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच यह दूसरी मुठभेड़ है। इससे पहले 15 जनवरी को हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर हारून अब्बास सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
इस महीने की शुरुआत में जिले में हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था तथा उनके पास से कुछ हथियार एवं गोला बारुद भी बरामद किए गए थे। डोडा के साथ ही नजदीक के किश्तवाड़ जिले में हाल ही में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं। चेनाब घाटी के इन जिलों को एक दशक पहले आतंकवाद से मुक्त घोषित किया गया था।