कश्मीरी अलगाववादी नेता अल्ताफ अहमद शाह की मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में कैंसर से मौत हो गई। वह दिवंगत हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का दामाद था। दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद उसे कुछ दिन पहले ही तिहाड़ जेल से AIIMS में भर्ती कराया गया था। शाह की उम्र 66 वर्ष थी। परिवार में उसकी पत्नी, दो बेटियां और बेटा हैं।
अल्ताफ को 6 अन्य लोगों के साथ 2017 में आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया था। श्रीनगर में मीरवाइज उमर फारुख के नेतृत्व वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के धड़े ने अल्ताफ के निधन पर शोक व्यक्त किया है। अस्पताल ने आवश्यक औपचारिकताओं के बाद अल्ताफ के शव को परिवार के सदस्यों को सौंप दिया और अंतिम संस्कार के लिए शव को श्रीनगर ले जाया जा रहा है।
बीमारी का पता चलने पर अल्ताफ को राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में एडमिट कराया गया था। पिछले हफ्ते दिल्ली हाई कोर्ट के दखल के बाद उसे AIIMS में भर्ती किया गया था।कोर्ट ने 3 अक्टूबर को उसे एम्स में स्थानांतरित करने का आदेश देते हुए कहा था, “उपयुक्त उपचार संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित मौलिक अधिकार का हिस्सा है।” कभी हुर्रियत नेता गिलानी का वारिस माने जाने वाला अल्ताफ सोमवार की देर शाम कोमा में चला गया था और मध्यरात्रि में उसे मृत घोषित कर दिया गया।