जम्मू-कश्मीर में एक फिर से अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए एक गठबंधन बनकर तैयार हुआ है। इस गठबंधन में घाटी से विशेष दर्जा समापत होने के बाद अपनी राजनीतिक जमीन खो चुके कश्मीर केंद्रित दल शामिल हैं। नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला ने अपने गुपकार रोड़ वाले आवास पर गुरुवार को राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई।
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को छोड़ कर गुपकार घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने वाले सभी नेता गुरुवार दोपहर को अब्दुल्ला के निवास पर एकत्रित हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मु़फ्ती को करीब 14 महीने बाद मंगलवार को नजरबंदी से रिहा किया गया था जिसके दो दिन बाद यह बैठक आयोजित की गई।
बुधवार को अब्दुल्ला और महबूबा ने मुलाकात के बाद गुपकार घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं की बैठक बुलाई थी। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा के अलावा बैठक में शामिल होने वाले अन्य नेताओं में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन, भाकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एएनसी) शामिल थे। कांग्रेस भी गुपकार घोषणा की हस्ताक्षरकर्ता थी, लेकिन इस बार बैठक में मौजूद नहीं थी।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाने का निर्णय लिया था जिसके बाद एक दिन पहले यानी चार अगस्त 2019 को फारुख ने अपने निवास पर इस गुपकर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए थे। सर्वदलीय बैठक के दौरान पारित प्रस्ताव में कहा गया था कि सभी पार्टियों ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि वे सभी जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और विशेष स्थिति की रक्षा और बचाव के अपने प्रयास में एकजुट रहेंगी।