कश्मीर घाटी में सुरक्षा कारणों से ऐहतियात के तौर पर सोमवार को रेल सेवाएं निलंबित रखी गई। अलगाववादियों के हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के तीन वर्ष पूरा होने पर आम हड़ताल के आह्वान को देखते हुए घाटी में रेल सेवाओं को ऐहतियात के तौर पर निलंबित किया गया है।
रेलवे के एक अधिकारी ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया पुलिस ने सुरक्षा कारणों से रविवार को परामर्श दिया था कि आज कश्मीर घाटी में कोई रेल सेवा नहीं चलाई जाए। इसे ध्यान में रखते हुए रेल सेवा को निलंबित किया गया है। अधिकारी ने बताया कि उत्तर कश्मीर के श्रीनगर-बड़गाम और बारामूला में कोई रेल सेवा नहीं चलेगी।
इसी तरह बड़गाम, श्रीनगर, अनंतनाग और काजीगुंड से जम्मू क्षेत्र के बनीहाल में भी रेल सेवाएं निलंबित रहेंगी। उन्होंने बताया कि हम मंडलीय प्रशासन और पुलिस की सलाह पर काम कर रहे हैं क्योंकि यात्रियों की सुरक्षा पहले जरुरी है। अधिकारी ने बताया कि पहले रेलवे को प्रदर्शनों और हड़ताल के दौरान बड़ा नुकसान हुआ था।
अधिकारी ने बताया कि सामान्यतौर पर रविवार के बाद लोगों के अपनी सामान्य गतिविधियां शुरु करने पर सोमवार सुबह यात्रियों की भारी भीड़ होती है। घाटी में यातायात के अन्य विकल्पों की तुलना में रेल सेवा बहुत सस्ती। तेज और सुरक्षित होने की वजह से अधिक पसंद की जाती है।
बुरहान वानी तीन वर्ष पहले आज के दिन दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। बुरहान के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे।