जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिरीक्षक विजय कुमार सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, श्रीनगर के हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए आतंकियो में एक स्थानीय आतंकवादी, एक विदेशी आतंकवादी, एक ओवर ग्राउंड वर्कर और मकान मालिक शामिल है। इन चारों की मौत सोमवार को मुठभेड़ के दौरान हो गई थी। उन्होंने कहा कि, गोलीबारी में मकान मालिक की भी मौत हो गई, वहीं ओजीडब्ल्यू ने आतंकवादियों को अपना किराए का स्थान मुहैया कराया था।
आतंकवादियों ने पिस्तौल से चलाई थी अंधाधुंध गोलियां
आईजी ने कहा, घर की सबसे ऊपरी मंजिल पर तीन कमरे थे। हमें सही जगह का पता नहीं था। मकान मालिक अल्ताफ अहमद डार और दूसरे व्यक्ति मुदस्सिर गुल, (जो इमारत में किराए पर रह रहे थे) को बुलाया गया ,दरवाजा खटखटाया गया, लेकिन आतंकवादियों ने नहीं खोला। फिर दरवाजा खटखटाया गया, आतंकवादियों ने पिस्तौल से अंधाधुंध गोलियां चलाईं। आत्मरक्षा में तलाशी दल ने फायरिंग का सहारा लिया। हमने दो नागरिकों को बचाने के लिए मुठभेड़ रोक दी, लेकिन जहां वे खड़े थे, उन्हें बचाना मुश्किल था। उन्होंने कहा कि मुठभेड़ के दौरान दो आतंकवादी मारे गए। उनकी पहचान बिलाल भाई कोड हैदर के रूप में हुई, जो संभवत: एक पाकिस्तानी आतंकवादी था और रामबन बनिहाल में रहने वाला उसका साथी था। उन्होंने कहा कि गोलीबारी में इमारत के मालिक अल्ताफ अहमद की मौत हो गई। उन्होंने कहा, यह निश्चित नहीं है कि आतंकवादी की गोली उन्हें लगी या बलों द्वारा चलाई गई गोलियां लगी। आतंकवादी पिस्तौल लिए हुए थे और जांच के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि किसकी गोली उन्हें लगी।
यह सानान हुआ है बरामद
आईजी बताया कि, अल्ताफ अहमद डार ने फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले पेशे से ठेकेदार मुदस्सिर गुल को सबसे ऊपरी मंजिल पर तीन कमरे किराए पर दिए थे। उन्होंने कहा, एक कमरे में आतंकवादी ठिकाने से हथियार बरामद हुए हैं, जिसमें दो पिस्तौल, तीन मैगजीन, छह मोबाइल फोन शामिल हैं, जो आतंकवादियों के पास थे और चार अन्य मोबाइल ठिकाने से बरामद हुए हैं। एक कॉल सेंटर, जिसमें छह कंप्यूटर और छह सीपीयू के साथ छह केबिन हैं और ठिकाने से अन्य सामग्री के अलावा कई अमेरिकी सामान मिले हैं, जैसे गर्म कपड़े, कोरक्स और इंजेक्शन बरामद किए गए, जिनका उपयोग आतंकवादी घायल होने के बाद करते थे। उन्होंने कहा कि इमारत में किराए पर रह रहे मुदासिर अहमद ने हैदर और उसके सहयोगी को आश्रय दिया था।