कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की ओर से रोजाना किए जा रहे घेराबंदी और तलाशी अभियान के विरोध में अलगाववादियों की हड़ताल के आह्वान के कारण आज जनजीवन बुरीतरह प्रभावित रहा। हालांकि इस आह्वान का प्रसिद्ध रविवार बाजार पर कोई असर नहीं देखा गया। ग्रीष्मकालीन राजधानी में सैकड़ की संख्या में खुदरा विक्रेता अपनी दुकानें खोलीं।
इस बीच पुराने इलाके, शहर-ए-खास और पुराने शहर तथा सिविल लाइंस के दो थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां आज दूसरे दिन भी जारी रही। ऐतिहासिक जामिया मस्जिद भी लोगों के लिए बंद रहा। जामिया मार्केट के अंदर और बाहर कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
गौरतलब है कि 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकिउर रहमान लखवी की भतीजा, जो आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तोयबा (एलईटी) का शीर्ष कमांडर था, भी उन छह आतंकवादियों में शामिल था जो उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा में कल हुयी भीषण मुठभेड़ में मारे गये। इस मुठभेड़ में भारतीय वायु सेना का एक गार्ड भी शहीद हुआ था।
कश्मीर घाटी में रविवार को आमतौर पर खुली रहने वाली दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठानें बंद रहीं। जिन इलाकों में प्रतिबंध नहीं लगाए गए वहां की सड़कों पर वाहन नदारद रहें। जबकि श्रीनगर के गैर प्रतिबंधित इलाकों में निजी वाहन सामान्य गति से चलते दिखाई दिए।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि परिमपोरा, खानयार, नौहट्टा, सफाकदल, एम आर गंज और रैनवारी थाना क्षेत्रों में अपराध दंड संहिता की धारा 144 के तहत आज दूसरे दिन भी पाबंदियां जारी रहीं। उन्होंने बताया कि पुराने शहर के क्रालखुद और सिविल लाइंस के मैसुमा में भी आंशिक पाबंदी जारी रही। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है। बुलेट प्रूफ जैकेट पहने और हाथों में हथियार और लाठी लिए इन जवानों को गैर प्रतिबंधित इलाकों में किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैनात किया गया है।
शहर के एतिहासिक लाल चौक समेत हरि सिंह हाई स्ट्रीट चौराहा से श्रीनगर स्थित रेडियो कश्मीर तक तीन किलोमीटर लंबा रविवार बाजार में दुकानों की स्टालों पर गर्म कपड़ तथा अन्य सामानों की खरीद के लिए लोगों की अच्छी खासी संख्या देखी गई।
हड़ताल के समर्थन में उत्तरी कश्मीर के बारामूला और अन्य शहरों तथा तहसील मुख्यालयों में दुकानें बंद रहीं तथा सड़कों पर वाहन नहीं चले। कानून और व्यवस्था बनाये रखने के लिए पूरे उत्तर कश्मीर में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। बडगाम और गंदेरबल जिलों समेत पूरे मध्य कश्मीर तथा दक्षिण कश्मीर के तमाम जिला मुख्यालयों एवं प्रमुख शहरों में भी जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा।
इन तमाम संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस के जवान तैनात हैं। इन इलाकों में हड़ताल के समर्थन में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों से वाहन नदारद थे। विरोध प्रदर्शन की आशंका को लेकर श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी सुरक्षा और बढ़ दी गई है।