श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा सेक्टर में शनिवार (8 जुलाई) की सुबह आतंकी हमला हुआ। इस हमले में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। मिली जानकारी के मुताबिक, यह हमला बांदीपुरा के हाजिन इलाके में हुआ। आज ही के दिन हिजबुल आतंकी बुरहान वानी को मार गिराया गया था। हिजबुल मुजाहीदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत की पहली बरसी के पहले जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले के उसके गृहनगर त्राल में शुक्रवार को कर्फ्यू लगा दिया गया था। दक्षिण कश्मीर के जिलों पुलवामा, कुलगाम, शोपियां व अनंतनाग में वानी के समर्थकों के कई जगहों पर सामने आने के बाद अधिकारियों ने त्राल में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया।
सीआरपीएफ की भारी संख्या में तैनाती
शहर की तरफ जाने वाली सभी सड़कों को सील कर दिया गया और प्रतिबंधों को लागू करने के लिए पुलिस व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को भारी संख्या में तैनात कर दिया गया। अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसमें सेना, सीआरपीएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल व राज्य पुलिस शामिल हैं।
बारामूला, सोपोर समेत कई अन्य जगहों पर धारा 144 लागू
श्रीनगर के पुराने शहर के इलाकों, बारामूला, सोपोर, पुलवामा, अनंतनाग व कुछ अन्य संवेदनशील जगहों पर आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में शुक्रवार को जमा मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि अधिकारियों ने क्षेत्र में प्रतिबंध लागू कर दिया था।
सोज के वानी पर दिए गए बयान से कांग्रेस ने किया किनारा
शुक्रवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने कहा था कि अगर उनकी सरकार होती तो बुरहान वानी जिंदा होता। हालांकि, उनके बयान पर विवाद बढ़ने पर कांग्रेस ने खुद को बयान से अलग कर लिया था। सोज ने कहा था कि बुरहान वानी को जीवित होना चाहिए था ताकि मैं उससे बातचीत कर पाता। मैं उसे बताता कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती का मजबूत सेतु बन सकता है और वह इसमें मददगार हो सकता है। लेकिन अब वह नहीं है।
बुहरान वानी के मारे जाने के बाद से घाटी में तनाव बढ़ गया था। पिछले एक साल से लगातार हिंसा की खबर आ रही हैं। पत्थर बाजी के मामले भी बढ़ गए हैं। कुछ लोगों ने बुरहान वानी को कश्मीर का ऑइकन भी बताया था।
कौन था बुरहान वानी ?
बुराहन मुजफ्फर वानी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर था। वानी कश्मीर में त्राल की अच्छी और संपन्न फैमिली से था। इसके पिता स्कूल प्रिन्सिपल थे। 15 साल की उम्र में घर छोड़कर आतंकवादी बन गया था, वानी का बड़ा भाई खालिद मुजफ्फर भी आतंकवादी था जो पिछले साल सुरक्षा बलों के हाथों मारा गया था ।
10 लाख का इनामी आतंकी
बुरहान वानी ने मात्र 15 साल की उम्र में हिजबुल मुजाहिदीन जॉइन कर लिया था। जिससे उसको कश्मीर में काफी लोकप्रियता मिली और वह कमांडर बन गया। वह साउथ कश्मीर में 11 से 15 स्थानीय आतंकियों का नेतृत्व कर रहा था। सुरक्षा बलों को उसकी काफी समय से तलाश थी। इसलिए उस पर 10 लाख का इनाम रखा गया था।