जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के द्वारा पिछले कुछ दिनों से गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। भारतीय सेना आतंकवादियों के हरेक मंसूबे को नाकाम करने की पुरजोर कोशिश में लगी हुई है।
तो वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने ग्रेनेड और बारूदी सुरंगों के बजाय पिस्तौल का इस्तेमाल कर नजदीक से अपने लक्ष्यों को निशाना बनाने का नया तरीका अपनाया है। इस महीने में अब तक कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के गैर-निवासियों समेत 11 नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी।
आतंकवादियों की रणनीति में बदलाव प्रतीत होता है…
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”आतंकवादियों की रणनीति में बदलाव प्रतीत होता है… पहले वे हथगोले और बारूदी सुरंगों का इस्तेमाल करते थे। फिर वे कारों में सवार होकर अपने लक्ष्यों को खत्म करने लगे … अब वे असैन्य नागरिकों के करीब से गुजरते हैं और उन्हें मार डालते हैं।”
आजाद ने यहां अपने आवास पर कश्मीर के विभिन्न हिस्सों के कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद कहा कि घाटी के लोग निर्दोष नागरिकों की हत्या के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, ”कश्मीर के लोग देश में कहीं और लोगों की तुलना में इन हत्याओं के 10 गुना अधिक खिलाफ हैं।”
उग्रवाद बढ़ा है या घटा है, यह पता लगाना चाहता था- आजाद
आजाद ने कहा कि उनकी बातचीत का उद्देश्य जमीनी स्थिति का पता लगाना था। उन्होंने कहा, ”मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से यह पता लगाना चाहता था कि उग्रवाद बढ़ा है या घटा है और लोग राज्य का दर्जा चाहते हैं या नहीं। इसके अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी बात हुई।” अगस्त 2019 में, केंद्र ने तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया था।