आतंकवादियों से मुकाबला करने वाले 16 वर्षीय कश्मीरी छात्र को शौर्य चक्र - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

आतंकवादियों से मुकाबला करने वाले 16 वर्षीय कश्मीरी छात्र को शौर्य चक्र

एक विरले मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को 16 वर्षीय इरफान रमजान शेख को शौर्य चक्र से सम्मानित किया। जम्मू-कश्मीर

एक विरले मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को 16 वर्षीय इरफान रमजान शेख को शौर्य चक्र से सम्मानित किया। जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में अपने घर पर हमला करने वाले आतंकवादियों से मुकाबला करने पर शेख को शौर्य चक्र प्रदान किया गया है।

शौर्य चक्र भारत में शांति के समय प्रदान किया जाने वाला वीरता पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को दुश्मन के खिलाफ असाधारण वीरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। यह मरणोपरांत भी दिया जा सकता है।

साल 2017 में 16-17 अक्टूबर की दरम्यानी रात को आतंकवादियों ने शेख के घर को घेर लिया था। उसके पिता मोहम्मद रमजान पूर्व सरपंच थे और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से जुड़े रहे हैं। मोहम्मद रमजान के सबसे बड़े बेटे शेख ने जब दरवाजा खोला तो उसने बरामदे में तीन आतंकवादियों को देखा। तीनों राइफल और ग्रेनेड से लैस थे।

ईडी की हिज्बुल पर बड़ी कार्रवाई, 7 आतंकियों से जुड़ी 13 संपत्तियां जब्त

शौर्य चक्र के लिए दिए गए प्रशस्ति-पत्र में लिखा था, ‘‘यह भांप लेने पर कि आतंकवादी उनके परिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं, उन्होंने गजब का साहस दिखाया और कुछ वक्त तक आतंकवादियों के सामने खड़े रहे ताकि उन्हें घर में दाखिल होने से रोका जा सके। इसी बीच, उनके पिता बाहर आए और आतंकवादी उन पर टूट पड़े, जिसके कारण झड़प हो गई।’’

प्रशस्ति-पत्र के मुताबिक, शेख ने अपनी सुरक्षा की जरा भी परवाह नहीं की और आतंकवादियों पर टूट पड़े ताकि अपने पिता और अन्य परिजन की जान बचा सकें। आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी जिसकी वजह से शेख के पिता गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया।

बहरहाल, शेख ने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और उस आतंकवादी से लगातार मुकाबला करते रहे जो अंधाधुंध गोलियां चला रहा था। इस झड़प में आतंकवादी भी गंभीर रूप से घायल हो गया। अपने एक साथी को घायल देखकर बाकी दोनों आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की। किन शेख ने उनका पीछा किया और वे अपने साथी का शव छोड़कर भाग गए।

प्रशस्ति-पत्र के मुताबिक, ‘‘इरफान रमजान शेख ने इतनी कम उम्र में असाधारण बहादुरी और परिपक्वता दिखाई।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × five =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।