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जम्मू-कश्‍मीर की शांति भंग करने वाले बख्‍शे नहीं जाएंगे, आतंक पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया सख्‍त संदेश

केंद्रीय गृहमंत्री ने घाटी के युवाओं से शांति का दूत बनने की अपील करते हुए कहा कि पांच अगस्त, 2019 के बाद से आतंकवाद घटा है, भ्रष्टाचार एवं वंशवादी राजनीति पर पूर्ण विराम लग गया है तथा शांति, विकास एवं समृद्धि का युग शुरू हुआ है।

अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाये जाने के बाद शनिवार को जम्मू कश्मीर की अपनी पहली यात्रा पर आये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवादियों के हमले में मारे गये लोगों के परिजन से मुलाकात की और शांति भंग करने वाले लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई का वादा किया ।
उन्होंने यह भी दोहराया कि परिसीमन के बाद केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे और उसके बाद राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।
पांच अगस्त, 2019 के बाद से आतंकवाद घटा
केंद्रीय गृहमंत्री ने घाटी के युवाओं से शांति का दूत बनने की अपील करते हुए कहा कि पांच अगस्त, 2019 के बाद से आतंकवाद घटा है, भ्रष्टाचार एवं वंशवादी राजनीति पर पूर्ण विराम लग गया है तथा शांति, विकास एवं समृद्धि का युग शुरू हुआ है।
अमित शाह ने शहीद पुलिस इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की 
शाह ने जम्मू-कश्मीर के शहीद पुलिस इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार के घर जाकर अपने दिनभर के व्यस्त कार्यक्रम की शुरुआत की। शहर के बाहरी इलाके नौगाम में 22 जून को मस्जिद में शाम की नमाज अदा कर लौट रहे अहमद डार को आतंकवादियों ने उनके घर के पास गोली मार दी थी।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शाह ने डार के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और डार की विधवा फातिमा अख्तर को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी में नियुक्ति के दस्तावेज सौंपे।
शाह ने श्रीनगर कर लोकप्रिय दवा दुकान के मालिक कश्मीरी पंडित मखनलाल बिंद्रू और स्कूल की प्राचार्या सुपिंदर कौर समेत हाल के आतंकवादी हमलों में मारे गये नौ लोगों के परिवार के सदस्यों से भी भेंट की।

अधिकारियों के अनुसार शाह ने सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की। इस दौरान गृह मंत्री को केंद्र शासित प्रदेश से आतंकवाद को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों और सुरक्षा बलों द्वारा घुसपैठ रोधी उपायों की जानकारी दी गई।
उन्होंने इस केंद्रशासित प्रदेश के यूथ क्लब को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं यहां कश्मीर के युवाओं से मित्रता करने आया हूं। मोदी जी और भारत सरकार के साथ हाथ मिलाइए और कश्मीर को आगे ले जाने की यात्रा में भागीदार बनिये।’’
मिशन यूथ विभाग ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।

भाजपा नीत राजग सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के लिए किये गये फैसले का बचाव करते हुए शाह ने कहा कि पांच अगस्त, 2019 को कश्मीर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।
जम्मू-कश्‍मीर की शांति भंग करने वाले बख्‍शे नहीं जाएंगे – शाह
उन्होंने कहा कि कश्मीर में दहशत, आतंकवाद, भय, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद पर पूर्ण विराम के साथ एक नयी शुरुआत की गयी और शांति, विकास, समृद्धि एवं सह-अस्तित्व का नया युग शुरू हुआ।
शाह ने कहा कि कुछ लोग दावा करने लगे थे कि कश्मीर में आतंकवाद बढ़ेगा लेकिन वह घटा एवं पथराव कहीं नजर नहीं आता।
कोई भी विकास की इस यात्रा को रोक नहीं पायेगा – शाह
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा,‘‘ हम उनसे कड़ाई से निपटेंगे जो जम्मू कश्मीर की शांति में बाधा पहुंचाएंगे। यह हमारा वादा है कि कोई भी विकास की इस यात्रा को रोक नहीं पायेगा। ’’
उन्होंने कहा कि कुछ स्थानीय नेता परिसीमन की प्रक्रिया बाधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ जो शोर मचा रहे हैं, वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि लोकतंत्र तीन परिवारों के चंगुल से बाहर आ गयी है और अब यह गरीबों की हो गया है। ’’
गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने संसद से वादा किया है कि विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “चुनाव होंगे। (कश्मीर के नेतागण चाहते हैं कि) परिसीमन को रोक दिया जाए। क्यों? क्योंकि इससे उनकी राजनीति को नुकसान होता है। अब, कश्मीर में ऐसी चीजें नहीं रुकेंगी।’’
शाह ने कहा, ‘‘कश्मीर के युवाओं को मौके मिलेंगे, इसलिए एक सही परिसीमन किया जाएगा, उसके बाद चुनाव होंगे और फिर राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। मैंने देश की संसद में यह कहा है और इसका यह रोडमैप है।’’
शाह ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद एवं विकास साथ साथ नहीं रह सकते।
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ इसका (आतंकवाद का) सफाया कौन करेगा? सरकार? नहीं। सरकार बस प्रयास कर सकती है लेकिन युवा क्लब के सदस्यों की आतंकवाद को दूर करने की जिम्मेदारी है। आपको शांति एवं विकास का दूत बनना होगा और जम्मू कश्मीर में यह संदेश फैलाना होगा कि यह हमारी जिंदगी को आगे ले जाने का रास्ता नहीं है। यह रास्ता नहीं हो सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जो पाकिस्तान की बात कर रहे हैं, मैं उन्हें जवाब दे सकता हूं लेकिन मैं यहां उसके लिए नहीं आया हूं । मैं अपने छोटे भाई-बहनों से बतियाने आया हूं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर समीप में है, वैसे हम यहां के विकास से संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन जम्मू कश्मीर से उसकी तुलना कीजिए। पीओके के लोगों को गरीबी और अंधेरे के सिवा क्या मिला है?
मैं यहां कश्मीर के युवाओं से समर्थन मांगने के लिए आया हूं – शाह
शाह ने कहा, “ईश्वर ने प्राकृतिक सुंदरता के साथ कश्मीर को स्वर्ग बनाया है, लेकिन मोदी जी यहां शांति, समृद्धि और विकास भी देखना चाहते हैं। उसके लिए, मैं यहां कश्मीर के युवाओं से समर्थन मांगने के लिए आया हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन ने मित्रता का हाथ बढ़ाया है, युवा क्लब स्थापित किए गए हैं, आपको एक मंच, एक मौका दिया गया है, इसलिए आगे आएं और इस मौके का लाभ उठाएं। यहां लोकतंत्र को मजबूत बनाएं, युवा उन तत्वों को जवाब दें जो लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं।’’
शाह ने कहा, ‘‘ 70 साल की जम्हूरियत ने क्या दिया? 87 विधायक, सात सांसद, और तीन परिवार, लेकिन मोदी ने इतने कम समय में 30हजार निर्वाचित प्रतिनिधि दिये।
उन्होंने कहा कि यूथ क्लबों के सदस्यों के साथ बातचीत के बाद उन्हें खुशी हुई क्योंकि कश्मीर के युवा अब सही मार्ग पर निकल पड़े हैं और विकास की यात्रा में साझेदार बन गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपके अच्छे भविष्य की कामना करता हूँ। यूथ क्लबों के इस अवसर का लाभ उठाते हुए आगे बढ़ते रहें और प्रशासन को सहयोग दें।’’
फारूक अब्दुल्ला ने शाह की यात्रा को लेकर मोदी सरकार पर साधा निशाना 
शाह की यात्रा पर नेशनल काफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि नागरिकों की लक्षित हत्याओं के बाद केंद्रीय गृहमंत्री की यात्रा जरूरी थी।
हालांकि उन्होंने भाजपा के इस दावे पर सवाल खड़ा किया कि इस केंद्रशासित प्रदेश से आतंकवाद का सफाया हो गया है।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘ जम्मू कश्मीर केंद्र के प्रत्यक्ष शासन में है और उभरती स्थिति की मांग थी कि शाह आयें क्योंकि ऐसा जरूरी था। वह आये हैं और लोगों को उम्मीद है कि यह (लक्षित हत्या) रूकेगी। वह उन्हें सुरक्षा दे पायेंगे। ’’
 

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