जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रदेश की आवाम को किसानों की तरह बलिदान देना होगा।
पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 116वीं जयंती के अवसर पर नसीमबाग स्थित उनके मकबरे में सभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने ये बातें कही। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि उनकी पार्टी किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करती है।
केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा बहाल करेगी
सिंघु बार्डर पर करीब एक साल से ज्यादा वक्त तक चले आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 19 नवंबर को तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला लिया था। संसद ने 29 नवंबर को शीतकालीन सत्र के पहले दिन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पारित किया।
इसी से प्रेरित होकर रविवार को नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि किसानों की तरह कश्मीर की आवाम को बलिदान देना होगा, तभी केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा (अनुच्छेद 370 और 35 A)बहाल करेगी।
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पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 116वीं जयंती के अवसर पर फारूख अब्दुल्ला ने कहा-
पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 116वीं जयंती के अवसर पर नसीमबाग स्थित उनके मकबरे में सभा को संबोधित करते हुए फारूख अब्दुल्ला ने कहा, “11 महीनों में आंदोलन के दौरान 700 किसानों की मौत हुई। किसानों के बलिदान पर केंद्र को तीन कृषि बिलों को रद्द करना पड़ा। हमें अपने अधिकारों को वापस पाने के लिए उस तरह का बलिदान भी करना पड़ सकता है।”
फारूख ने आगे कहा, “यह याद रखें, हमने (अनुच्छेद) 370, 35-ए और राज्य का दर्जा वापस पाने का वादा किया है और हम कोई भी बलिदान करने के लिए तैयार हैं। हालांकि नेकां भाईचारे के खिलाफ नहीं है और हिंसा का समर्थन नहीं करती है।” गौरतलब है कि केंद्र ने तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को रद्द कर कर 5 अगस्त 2019 को इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।