जम्मू में मिले आईईडी से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी रविवार सुबह को पुंछ जिले में नौ स्थानों पर छापेमारी की। नियंत्रण रेखा पार व्यापार से मिले धन का दुरुपयोग कर। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए करने से संबंधित पांच साल पुराने एक मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने रविवार को पुंछ जिले में नौ स्थानों पर छापेमारी की।एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 17 के तहत नौ दिसंबर, 2016 को एजेंसी द्वारा दर्ज किए गए एक मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मदद से ये छापे मारे गए।
भारत ने 18 अप्रैल, 2019 को, जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास दो स्थानों पर एलओसी पार से व्यापार को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया था। यह कदम उन खबरों के बाद उठाया गया था जिनमें कहा गया था कि सीमा पार से कुछ तत्व हथियारों, नशीले पदार्थों, नकली मुद्रा की तस्करी के लिए इस व्यापार का “दुरुपयोग” कर रहे हैं।
जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले में चाकन-दा-बाग और उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सलामाबाद में एलओसी पार व्यापार का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के निवासियों के बीच विश्वास-निर्माण के लिए था।एनआईए ने कहा, “एलओसी व्यापार 2008 में जम्मू-कश्मीर और पीओके के बीच विश्वास-निर्माण उपाय के रूप में शुरू किया गया था। यह व्यापार वस्तु विनिमय प्रणाली पर आधारित था और तीसरे पक्ष द्वारा उत्पादित सामान की अनुमति नहीं थी। तात्कालिक मामला सलामाबाद और चक्कन-दा-बाग स्थित एलओसी पार व्यापार सुविधा केंद्र (टीएफसी) के जरिए कैलिफोर्निया बादाम और अन्य वस्तुओं के आयात के माध्यम से पाकिस्तान से भारत में बड़े पैमाने पर धन के हस्तांतरण से संबंधित है।”प्रवक्ता ने कहा कि इन पैसों का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था।