रिपब्लिक टीवी नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी मामले में स्वतंत्रता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सहमति जताते हुए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रश्न किया कि आधारहीन आरोपों के तहत जेलों में बंद सैकड़ों कश्मीरियों और पत्रकारों की रिहाई पर तत्काल कोई प्रभावशाली कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, ‘‘स्वतंत्रता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के आक्रोश से सहमत हैं, लेकिन इस बात का बड़ा दुख है और नाराजगी भी है कि अब भी आधारहीन आरोपों के तहत सैकड़ों कश्मीरी और पत्रकार जेलों में बंद हैं। अदालत के फैसले को भूल जाओ उनकी अभी तक सुनवाई भी नहीं हुई है। उनकी स्वतंत्रता के लिए क्यों कोई भी आवाज नहीं उठाता।’’
अर्नब गोस्वामी को इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक तथा उनकी मां को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में 4 नवंबर को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को पटलते हुए बुधवार को अर्नब को जमानत पर रिहा कर दिया।
पिछले साल 5 अगस्त को महबूबा के साथ दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला के अलावा सैकड़ों पूर्व मंत्री, विधायक और विभिन्न मुख्य राजनीतिक पार्टियों के नेता और अलगावादी संगठनों के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। उमर की बहन और महबूबा की बेटी ने बाद में बिना किसी जमानत के सुप्रीम कोर्ट में उनकी नजरबंदी को चुनौती दी थी। हालांकि बाद में हिरासत में लिए गए नेताओं को केंद्रशासित प्रशासन द्वारा उनके हिरासत के आरोप वापस लेने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।