दिल्ली से सटे गाजियाबाद के इंदिरापुरम की 41 साल की रफत परवीन जिंदगी की जंग हार गई, लेकिन साथ ही चार लोगों को नया जीवन दे गई। रफत परवीन को 19 दिसंबर को तेज सिर दर्द की शिकायत के बाद वैशाली के मैक्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि वह ऐन्युरिज्म़ से पीड़ित थी, यानी दिमाग की एक रक्त वाहिनी से खून निकल रहा था और वह दिमाग के दूसरे हिस्सों तक पहुंच रहा था। जटिल बीमारी के चलते महिला की हालत लगातार बिगड़ रही थी। डॉक्टरों की एक पूरी टीम ने उसे बचाने की काफी कोशिश की लेकिन वो महिला को बचा नहीं पाए और शुक्रवार को डॉक्टरों ने महिला को ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
रफत परवीन के मस्तिष्क में ब्लड क्लॉट्स हो जाने की वजह से उसे बचाया नहीं जा सका। रफत परवीन के परिवार की सहमति के बाद डॉक्टरों ने अंगदान का फैसला किया। महिला का दिल, गुर्दे और जिगर को ऑपरेशन के जरिए बाहर निकाला गया, जिससे चार मरीजों को नया जीवन मिल सका।
अस्पताल के वाइस प्रेजिडेंट डॉ. गौरव अग्रवाल ने बताया कि परिवार की सहमति के बाद उन्होंने तुरंत नैशनल ऑर्गन ऐंड ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन को सूचित किया। उन्होंने बताया, मृतक के दिल को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल साकेत भेजा गया। एक किडनी और लिवर हमारे अस्पताल में दो मरीजों को ट्रांसप्लांट किया गया। दूसरी किडनी को गुरुग्राम स्थित आर्टिमिस अस्पताल में 45 मिनट में भेजकर ट्रांसप्लांट किया गया।
मैक्स साकेत के डायरेक्टर ऑफ हार्ट ट्रांसप्लांट डॉ. केवल कृषन ने बताया, उत्तराखंड के 56 साल के मरीज को हार्ट ट्रांसप्लांट करके जिंदगी बचाई गई। वह एंड स्टेज हार्ट फैल्योर से पीड़ित थे। मरीज की निगरानी की जा रही है।