मध्यप्रदेश राज्य में ओबीसी वर्ग के आरक्षण को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच तनातनी हो गई है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता कमलनाथ ने राज्य चुनाव आयोग पर राज्य में पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण को लेकर भ्रामक सूचनाएं जारी करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद गुरुवार को राज्य विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, कमलनाथ ने ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाया और सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
मैं सरकार से रुख स्पष्ट करने का अनुरोध करूंगा : कमलनाथ
विपक्ष के नेता कमलनाथ ने कहा, जब से सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है, राज्य चुनाव आयोग अलग-अलग समय पर अलग-अलग अधिसूचना जारी कर रहा है जो भ्रम पैदा कर रहा है। मैं सरकार से ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने का अनुरोध करूंगा। उनके जवाब में, राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है और इस मामले पर सुनवाई की तारीख जल्द ही अदालत द्वारा तय की जाएगी।
अध्यक्ष ने 15 मिनट के लिए सभा को किया स्थगित
राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान के बाद कांग्रेस के विधायकों ने शिवराज सिंह चौहान सरकार पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगाया। इससे अफरा-तफरी मच गई जिसके बाद अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधानसभा को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन (20 दिसंबर) से सत्ता पक्ष (भाजपा) और विपक्ष (कांग्रेस) दोनों एक दूसरे पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं।