एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है वहीं इस लड़ाई में फ्रंट लाइन वारियर्स बने मेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मियों पर हो रहे हमले चिंता बढ़ा रहे है और बेहद निंदनीय है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार अपील और कड़े निर्देशों के बावजूद आये दिन देश के अलग अलग हिस्सों से इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है। हाल ही में पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में लॉक डाउन का पालन करने की अपील पर पुलिस के ऊपर पथराव किया गया।
अब इस मामले में कार्यवाही करते हुए पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में बीती रात लॉकडाउन का पालन करा रहे पुलिसकर्मियों पर कथित तौर पर हमला करने के आरोप में बुधवार को 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हावड़ा पुलिस आयुक्त कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और अन्य दंड कानूनों की विभिन्न धाराओं के तहत तीन मामले दर्ज किये गए हैं।
उन्होंने कहा कि दिन के समय इलाके में हालात शांतिपूर्ण रहे। पुलिस ने बंद का सख्ती से पालन कराने के लिये इलाके की सड़कों पर गश्त की। कोरोना वायरस के रेड जोन हावड़ा जिले के तिकियापाड़ा इलाके में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन का पालन करा रहे पुलिस के एक दल पर भीड़ के हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
बता दें,घटना मंगलवार की शाम हुई जब बड़ी संख्या में लोगों के स्थानीय बाजार में जुटने और लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन की सूचना पाकर पुलिस का एक गश्ती दल अल्पसंख्यक बहुल तिकियापाड़ा इलाके की बेलीरियस रोड पर पहुंचा। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था, ''पुलिस ने उन्हें घरों को लौटने को कहा, जिसके बाद कहासुनी शुरू हो गई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके, जिसमें हमारे दो जवान घायल हो गए और दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।''
इस घटना के बाद राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने आरोप लगाया कि जो कुछ हुआ उसकी वजह राज्य सरकार की ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति’’ है।