केंद्र सरकार ने पाकिस्तान की तरफ से गुजरात के विभिन्न जिलों में टिड्डियों के प्रवेश करने और फसलों को नुकसान पहुंचाने की समस्या से निपटने के लिए 11 केंद्रीय टीमें गुजरात भेजी हैं। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। पिछले कुछ दिनों में काफी तादाद में टिड्डियां बनासकांठा, साबरकांठा, मेहसाणा, कच्छ और पाटन में प्रवेश कर गई हैं। वे सरसों, अरंडी, सौंफ, जीरा, कपास, आलू, गेहूं और रतनजोत जैसे फसलों को नष्ट कर रही हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘‘इस समस्या से निपटने के लिए, 11 केंद्रीय टीमें गुजरात में पहुंची है। वे हमले को रोकने के लिए कीटनाशकों के छिड़काव सहित सभी आवश्यक कदम उठाएंगी। समस्या के हल होने तक ये टीमें राज्य में रहेंगी।’’
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बुधवार को वड़ोदरा के दौरे पर कहा था कि टिड्डियों की समस्या को रोकने के लिए केंद्र द्वारा भेजी गई 11 टीमों ने काम करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने की संभावना भी तलाश रही है। राज्य के कृषि मंत्री आर सी फलदू ने भी कहा कि टिड्डियों के हमले से प्रभावित हुई फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि किसानों को इस स्थिति से निपटने के लिए कई उपाय करने का निर्देश दिया गया है, जिनमें खेतों में टायर जलाना,ढोल और बर्तन बजाना आदि शामिल हैं। टिड्डियों का दल सबसे पहले पिछले हफ्ते बनासकांठा जिले में देखा गया था जिसके बाद यह पड़ोसी मेहसाणा जिलों में पहुंच गया।
उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा था, ‘‘ टिड्डी दल पाकिस्तान के रेगिस्तानी इलाकों की ओर से गुजरात में प्रवेश कर रहे हैं। एक महीने में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब टिड्डियों ने उत्तर गुजरात स्थित हमारे खेतों में हमला कर दिया।’’ किसानों का दावा है कि करीब एक दशक बाद टिड्डियों के दल ने फसलों पर ऐसा हमला किया है।
इस बीच गुजरात कांग्रेस प्रमुख अमित चावड़ा और विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धनानी ने कहा कि टिड्डियों के हमले को रोकने में राज्य सरकार के कदम अपर्याप्त हैं। सरकार को कीटनाशकों के छिड़काव के लिए विमानों का इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि, फलदू ने कहा कि इस तरह के उपाय का जानवरों पर खतरनाक असर पड़ सकता है , जो खेतों में घास चरते हैं।