बीते गुरुवार यानी 7 मई को विशाखापट्टन में एलजी पॉलीमर के संयंत्र से हुए गैस रिसाव के बाद अब करीब 13 हजार टन तरल स्टिरीन रसायन को कंपनी के दक्षिण कोरिया स्थित मुख्यालय वापस भेजा जा रहा है। बता दें कि गैस रिसाव में 12 लोगों की मौत हो गई थी। आर.आर. वेकंटपुरम स्थित एलजी पॉलीमर के संयंत्र के एक टैंक में स्टिरीन रखा गया था। कंपनी ने विशाखापट्टनम बंदरगाह पर भी दो टैंक में यह रसायन रखा था जो सिंगापुर से आयात किया गया था।
आंध्र प्रदेश सरकार ने केंद्रीय पोत परिवहन मंत्रालय से बात करके इस रसायन को वापस कंपनी के मुख्यालय सियोल भेजने के लिए एक विशेष टैंकर जहाज का प्रबंध किया है। विशाखापट्टनम के जिला कलेक्टर वी. विनय चंद ने कहा, ‘‘हम 8000 टन स्टिरीन का कंटेनर सोमवार को भेज रहे हैं। बाकी बचे 5000 टन को अगले कुछ दिनों में रवाना कर देंगे।’’ संयंत्र में बजे स्टिरीन को वापस ठोस अवस्था में बदल दिया गया है। इस रसायन का इस्तेमाल पॉलीएस्टर बनाने में होता है।
मालूम हो कि 7 मई को तड़के संयंत्र से गैस का रिसाव हुआ था। इससे 12 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 400 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। शनिवार को वेंकटपुरम और आसपास के गांव के लोगों ने संयंत्र के समक्ष मृतकों के शव के साथ प्रदर्शन किया और संयंत्र को पूरी तरह बंद करने की मांग रखी। इसके बाद संयंत्र को पूरी तरह बंद कर दिया गया। सोमवार को इलाके में स्थिति नियंत्रण रही। मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए स्थिति की समीक्षा की। साथ ही मंत्रियों से प्रभावित प्रत्येक गांव में रात बिताने के लिए कहा ताकि लोगों के बीच विश्वास बहाली की जा सके। वहीं, दूसरी तरफ मंत्री बोत्सा सत्यनारायण और के. कन्ना बाबू ने मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की।