शहर की एक अदालत ने नाबालिग लड़की से बलात्कार के जुर्म में 17 साल के युवक को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी है। पीड़िता आरोपी की दोस्त थी।
यहां सियालदह अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जिमुत बाहन बिस्वास ने यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पोक्सो) कानून की धारा छह के तहत युवक को सजा सुनायी और उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसकी 90 प्रतिशत राशि मुआवजे के तौर पर पीड़िता को दी जायेगी।
जघन्य अपराध के मामलों में 16 साल से अधिक की उम्र के किशोरों पर वयस्क कानून के तहत मुकदमा चलया जाता है। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में युवक को एक और साल सश्रम कारावास की सजा काटनी होगी। अदालत ने मंगलवार को अपने आदेश में पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह 16 वर्षीय पीड़िता को पांच लाख रुपये का मुआवजा दे।
विशेष सरकारी वकील विवेक कुमार शर्मा ने अदालत को बताया कि फरवरी में बीमार पड़ने पर लड़की को सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया था, जहां जांच में वह गर्भवती पायी गयी। उसने अपने माता पिता को बताया कि उसके दोस्त ने उसे शादी का वादा किया था। इसके बाद तीन मार्च को उल्टाडांगा पुलिस थाना में मामला दर्ज किया गया।