बंबई हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन के खिलाफ महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की याचिका पर एकल न्यायाधीश की पीठ नहीं बल्कि 2 न्यायाधीश की खंडपीठ सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति एके शिंदे की एकल पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट के रजिस्ट्री विभाग की ओर से आपत्ति जताई गई है जो ‘सही’ है। इसमें रजिस्ट्री विभाग ने कहा है कि याचिका में जो मुद्दे उठाए गए हैं उनकी सुनवाई खंडपीठ द्वारा की जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति शिंदे ने रजिस्ट्री विभाग को निर्देश दिया कि वह देशमुख की याचिका को सुनवाई के लिए उपयुक्त खंडपीठ के समक्ष रखे। देशमुख ने इस महीने की शुरुआत में याचिका दायर करके ईडी द्वारा उनके खिलाफ जारी पांच समन रद्द करने की मांग की थी। पिछले हफ्ते जब याचिका न्यायमूर्ति शिंदे के समक्ष सुनवाई के लिए आई तो ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत का ध्यान रजिस्ट्री विभाग के उस नोट की ओर आकर्षित किया जिसमें कहा गया था कि याचिका पर सुनवाई खंडपीठ को करनी चाहिए।
तब अदालत ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर विचार करने के बाद आदेश देगी। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के मामले में 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने पूर्व मंत्री और उनके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की थी।