मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले अत्याधिक तेज गति से बढ़ने की स्थिति पर काबू पाने के लिए चौतरफा प्रयासों के साथ आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनेक घोषणाएं कीं और कहा कि लॉकडाउन का उपयोग वे अंतिम विकल्प के रूप में ही करेंगे। चौहान ने बताया कि महाराष्ट्र के बाद पड़सी राज्य छत्तीसगढ़ में भी कोरोना के मामले बहुत ज्यादा आ रहे हैं, इसलिए छत्तीसगढ़ राज्य से भी आवागमन 15 अप्रैल तक के लिए कुछ शर्तों के साथ स्थगित कर दिया गया है। इस संबंध में आदेश जारी हो गए हैं। महाराष्ट्र से आवागमन पहले ही 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित है।
चौहान ने यहां के ऐतिहासिक मिंटो हॉल परिसर में 24 घंटे का‘‘स्वास्थ्य आग्रह‘’आज ठीक साढ़े बारह बजे समाप्त किया। इस मौके पर उन्होंने कोरोना संक्रमण रोकने संबंधी अनेक घोषणाएं करते हुए फिर से दोहराया कि मॉस्क, सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना रोकने के लिए निर्धारित उपयुक्त व्यवहार ही कोरोना पर नियंत्रण का सबसे अधिक प्रभावी उपाय है। इसके बाद भी वे प्रतिदिन सभी जिलों की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और यदि आवश्यकता हुयी तो किसी जिले में जनता की जान बचाने के लिए अंतिम विकल्प के रूप में लॉकडाउन के विकल्प पर विचार किया जाएगा।
चौहान ने कहा कि 24 घंटे के दौरान विभिन्न लोगों से चर्चा के दौरान पता चला कि कुछ निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर अत्याधिक पैसा वसूल किया जा रहा है। सरकार ने इस पर अंकुश लगाने के लिए भी कदम उठाए हैं। टेस्ट और इलाज की खर्चसीमा तय की गयी हैं और इनका पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। कोरोना के इलाज में उपयोग होने वाले रेमेडिसीर के इंजेक्शन सरकार स्वयं खरीदेगी और इन्हें गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों को आवश्यकता के अनुसान नि:शुल्क मुहैया कराया जाएगा।
चौहान ने यह भी कहा कि राज्य में मॉस्क नहीं पहनना अपराध माना जाएगा और इसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की सुविधाओं के विस्तार की घोषणा की और कहा कि अस्पताल में भर्ती होने संबंधी नए नियम बनाए जाएंगे, ताकि जिस गंभीर मरीज को अस्पताल की आवश्यकता हो, उसे ही भर्ती करने में प्राथमिकता मिले। शेष मरीजों के लिए‘होम आइसोलेशन’की व्यवस्था और पुख्ता की जाएगी।
चौहान ने मंगलवार दिन में साढ़े बारह बजे स्वास्थ्य आग्रह प्रारंभ किया था, जो पूरे 24 घंटे तक चला। इस दौरान उन्होंने अपने नियमित सरकारी कार्य निपटाने के अलावा विभिन्न जिलों के अलग अलग वर्ग के लोगों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की। धर्म गुरुओं से भी चर्चा की और उन्होंने भी जनता से सरकार के प्रयासों में सहयोग करने की अपील की। इस दौरान मिले सुझावों और मंथन के दौरान आए निष्कर्षों के आधार पर चौहान ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए निर्णय लिए हैं।