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विशाखापट्टनम में गैस लीक से 10 लोगों की मौत,आस-पास से 3 हजार लोगों को किया रेस्क्यू

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी के केमिकल प्लांट में जहरीली गैस लीक होने का मामला सामने आया है। आरएस वेंकटपुरम गांव में गुरुवार की सुबह जहरीली गैस रिसाव होने की वजह से 10 लोगों की मौत हो गई है।

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी के केमिकल प्लांट में जहरीली गैस लीक होने का मामला सामने आया है। आरएस वेंकटपुरम गांव में गुरुवार की सुबह जहरीली गैस रिसाव होने की वजह से 10 लोगों की मौत हो गई है। वेंकटपुरम गांव के आसपास लोगों ने सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की है। कई लोगों को चक्कर भी आए। जिसके बाद मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी लगाई गई हैं और गांवों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। 

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वहीं, इस जहरीली गैस से 1 हजार से अधिक लोग बीमार हो चुके हैं। सैकड़ों लोग सिर दर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं। इस जहरीली गैस के कारण कंपनी के तीन किलोमीटर के इलाके प्रभावित हैं। स्थानीय प्रशासन और नौसेना ने कंपनी के पास के पांच गांवों को  खाली करा दिया है। अभी तक जहरीली गैस लीकेज के असली कारण का पता नहीं चल पाया है। फिलहाल मौके पर विशाखापट्टनम के जिलाधिकारी वी विनय चंद पहुंच गए हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं।

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जानकारी के मुताबिक़ विशाखापट्टनम के गोपालपट्टनम के पास आरआर वेंकटपुरम में स्थित एलजी पॉलिमर यूनिट में गुरुवार तड़के करीब 2.30 बजे गैस रिसाव के कारण एक 8 साल की बच्ची की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति की कुएं में कूदने के चलते जान चली गई। एक अन्य व्यक्ति अपने घर की बालकनी से गिर गया। वहीं आस-पास के पांच गांव गैस रिसाव के चलते प्रभावित हुए हैं।

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इस दुर्घटना ने साल 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला दी है। विशाखापट्टनम की गलियों और अस्पतालों में लोग दहशत में नजर आए। सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत के बाद लोगों को विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। ग्रेटर विशाखापट्टनम नगर निगम के अधिकारियों ने कहा, “कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण बंद हुई रासायनिक इकाई को गुरुवार सुबह फिर से शुरू किया गया। कुछ समय बाद टैंकों में संग्रहीत गैस लीक होने लगी और 3 किलोमीटर के दायरे में फैल गई।स्टाइरीन और पेंटाइन गैसें संभवत: दुर्घटना का कारण बनीं।”

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सुबह कई स्थानों पर जहां एक ओर लोग बेहोश पड़े दिखे, तो वहीं सड़क किनारे मृत मवेशी भी नजर आए। बच्चों को कंधे पर रखकर घबराए लोग अस्पतालों की ओर भागे। एंबुलेंस ने इलाके से बेसुध हुए 70 लोगों को किंग जॉर्ज अस्पताल पहुंचाया। भर्ती हुए मरीजों में बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा, “घटना सुबह करीब 2.30 बजे हुई। आसपास के क्षेत्रों में लोग अपने घरों में सो रहे थे। तभी अचानक उन्हें सांस लेने में तकलीफ, भयानक खुजली और आंखों में जलन महसूस होनी शुरू हुई।”
दहशत में आकर लोग अपने घरों से बाहर भागे, लेकिन गैस रिसाव के कारण हवा जहरीली हो गई, जिससे वह बेसुध हो गए। इस दौरान कई मवेशी और पशु भी जहरीली गैस की चपेट में आ गए। एक अधिकारी ने कहा, “संयंत्र के लोगों ने तुरंत अधिकारियों को सतर्क करते हुए इस बाबत जानकारी दी, जिसके तुरंत बाद जिला प्रशासन कार्रवाई में जुट गया और त्रासदी का प्रभाव कुछ हद तक कम किया जा सका।”
केमिकल यूनिट के आसपास के 3 किलोमीटर के दायरे में इलाके के के करीब 7 हजार 500 लोगों को वहां से हटाया गया है।  जिन लोगों को अपना घर खाली करना पड़ा है, उनके लिए भोजन सहित अन्य सभी व्यवस्था की गई है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इस बारे में सभी जानकारियां ले रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हालात को भांपने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की एक आपातकालीन बैठक बुलाई है।

राज्य के मुख्यमंत्री वाई.एस जगन मोहन रेड्डी स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। जिला प्रशासन को तत्काल कदम उठाने और सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री विजाग में स्थिति का जायजा लेने जाएंगे। यहां वह अस्पताल का दौरा कर प्रभावितों का हालचाल पूछेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बात की है। वहीं, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।अधिकारियों ने कहा, “रिसाव को बंद कर दिया गया है। यह गैस तेजी से फैलती है और इसलिए अब मरने वालों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना नहीं है।”बता दें , एलजी पॉलिमर भारत की पॉलीस्टाइन और एक्सपेंडेबल पॉलीस्टाइनिन की लीडिंग मैन्युफैक्चरर में से एक है। दक्षिण कोरियाई समूह एलजी केमिकल के हिस्से वाली मुंबई स्थित एलजी पॉलिमर इंडिया विशाखापट्टनम में स्थित संयंत्र का स्वामित्व करती है।

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