देश में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों के शवों को दफनाने या अंतिम संस्कार करने को लेकर कई जगह विरोध हुआ है। ऐसी स्थिति को देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य में कोविड-19 से जान गंवाने वाले मरीजों को ‘सम्मानजनक’ तरीके से दफनाने और दाह संस्कार में बाधा उत्पन्न करने वालों को तीन साल तक की सजा हो सकती है।
राज्य सरकार की ओर से जारी एक अध्यादेश में यह प्रावधान किया गया है। हाल ही में कोविड-19 संक्रमण के कारण शहर में दो डॉक्टरों की मौत हो गई थी, जिसके बाद लोगों ने इनके शव दफनाने का विरोध किया। इनमें से एक विरोध के दौरान तो लोग हिंसक हो गए और स्वास्थ्यकर्मियों एवं निगम कर्मचारियों पर हमला कर दिया था।
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इस घटना के बाद राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अध्यादेश के मुताबिक, अधिसूचित बीमारी से मरने वालों को सम्मानजनक तरीके से दफनाने और दाह संस्कार में बाधा उत्पन्न करना और बाधा उत्पन्न करने की कोशिश करने को दंडनीय अपराध बनाया गया है।
बयान के मुताबिक, ऐसे अपराध में कम से कम एक साल जेल की सजा जबकि अधिकतम तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। इस अपराध के लिये जुर्माना भी लगाया जा सकता है। हालांकि, इसकी राशि के बारे में सूचना नहीं दी गई है।दरअसल, देश के कई हिस्सों में कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों को दफनाने या अंतिम संस्कार को लेकर लोगों ने विरोध जताया।