केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नागर हवेली (डीएनएच) के नरौली गांव में चार साल की बच्ची के साथ बलात्कार की कोशिश के बाद हत्या कर दी गई। बेटी के साथ हुई दरिंदगी के प्रयास के बाद हत्या से आहत मासूम के पिता ने खुदकुशी कर ली। इस मामले में एक 30 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
नागर हवेली के नरौली गांव में एक शख्स ने अपने घर में रेप का विरोध करने पर चार साल की एक बच्ची का गला काटकर हत्या कर दी। उसके बाद आरोपी ने बच्ची का शव एक बोरे में भरकर उसे अपने फ्लैट के शौचालय से जुड़े एक संकरे नाले में फेंक दिया। पुलिस ने बताया कि कथित तौर पर बच्ची के पिता इस घटना को सहन नहीं कर पाए कीटनाशक दवा पीकर आत्महत्या कर ली।
डीएनएच के पुलिस अधीक्षक हरेश्वर स्वामी ने कहा, ‘घटना शुक्रवार को दोपहर बाद घटी जब आरोपी संतोष रजत नरोली गांव में अपने घर के बाहर खेल रही बच्ची को बहला फुसलाकर अपने घर ले गया।’ उन्होंने बताया कि पीड़िता के परिवार वालों ने नरोली थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने तलाशी शुरू की और आवासीय भवन में लगभग 40 फ्लैटों की छानबीन की, जहां लड़की रहती थी।
क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरा फुटेज को चेक करने के बाद सिलवासा पुलिस को पता चला कि बच्ची आवासीय कॉलोनी में कहीं नहीं है।पुलिस को संदेह हुआ कि बच्ची किसी न किसी भवन में हो सकती है। फिर पुलिस ने कॉलोनी के 40 फ्लैट की तलाशी ली। तीन घंटे की तलाशी के बाद एक पुलिसकर्मी को बच्ची का शव प्लास्टिक के बोरे में मिला।
पुलिस के अनुसार, आरोपी रजत बच्ची को अपने अपार्टमेंट में ले गया और उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की, लेकिन जब वह रोने लगी तो उसने एक धारदार हथियार से उसका गला काट दिया, फिर उसने उसके शव को बोरे में भरकर फ्लैट के शौचालय से जुड़े संकरे नाले में फेंक दिया।
‘तलाशी अभियान के दौरान, पुलिस को रजत के अपार्टमेंट के बाथरूम में खून के धब्बे मिले। शौचालय से सटे शाफ्ट में एक बोरा के साथ शव को पाया गया।’ एसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान रजत ने यह स्वीकार किया कि वह बच्ची को फुसलाकर उसके फ्लैट में ले गया और उसका यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की।
उन्होंने बताया कि झारखंड के धनबाद का रहने वाला आरोपी पिछले चार साल से दादरा और नागर हवेली में रह रहा है और इस दौरान उसने विभिन्न कारखानों में काम किया। उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 364 (अपहरण), 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध) और 302 (हत्या) के अलावा बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।