कर्नाटक के कोप्पल जिले में कोविड-19 पाबंदियों का उल्लंघन करते हुए वार्षिक अनुष्ठान के लिए बड़ी संख्या में लोग मंदिर में घुस गये और उन्होंने जुलूस निकालने का प्रयास किया। पुलिस ने दंगा फैलाने समेत विभिन्न आरोपों में 50 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि बृहस्पतिवार को दोतीहाल गांव में इस घटना के दौरान उग्र स्थानीय लोगों ने राज्य सरकार के नियंत्रण वाले मंदिर का द्वार तोड़ दिया, पुलिसकर्मियों पर हमला किया और एक वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन करने तथा मंदिर को नुकसान पहुंचाने और दंगे के लिए दो मामले दर्ज किये गये हैं। इसके साथ ही 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि कई गांव से भाग गये। अधिकारी ने को बताया कि जब उग्र लोगों को रोका गया तो उन्होंने हमारे वाहन पर हमला किया और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया।
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उन्होंने हमारे कुछ लोगों पर भी हमला किया। पुलिस के अनुसार गौरी पूजा की पूर्व संध्या पर, ऋषि शुकमुनि की मूर्ति को एक पालकी में बैठाया जाता है और एक जुलूस के रूप में गांव में ले जाया जाता है। हालांकि कोरोना वायरस से संबंधित पाबंदियों के कारण क्षेत्रीय तहसीलदार ने ऐसे किसी भी अनुष्ठान पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसमें बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो सकते हैं।
पुलिस ने बताया कि अधिकारी ने इसके बजाय मंदिर के अंदर पूजा के लिए सीमित संख्या में लोगों को अनुमति दी हुई थी। इस बात से नाराज लगभग 150 लोग मंदिर में एकत्र हुए और उन्होंने मांग की कि उन्हें भी इसी तरह का विशेषाधिकार दिया जाना चाहिए।