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बेंगलुरु में पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों पर करने वाले 59 लोग हुए गिरफ्तार

देश में कोरोना वायरस की बीमारी को रोकने के लिए 3 मई लॉकडाउन जारी है। इस बीच पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने के कई मामले सामने आ रहे है।

देश में कोरोना वायरस की बीमारी को रोकने के लिए 3 मई लॉकडाउन जारी है। इस बीच पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने के कई  मामले सामने आ रहे है। वहीं, बेंगलुरु में पदारायणपुरा क्षेत्र में पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले के संबंध में 59 लोगों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्यकर्मी और पुलिस क्षेत्र में कुछ लोगों को पृथक करने गई थी, इसी दौरान लोगों ने स्वास्थ्यकर्मी और पुलिस पर हमला किया था। 
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘ पदारायणपुरा में 59 लोगों को गिरफ्तार किया गया। कोरोना वायरस से संक्रमित तीन मरीजों के पहले और दूसरे संपर्क वाले कुछ लोगों को अधिकारी पृथक करने गए थे। इसी दौरान लोगों ने उन पर हमला कर दिया।’’ रविवार को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे जिनमें से ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय के युवा थे। इन लोगों ने वहां पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट की।
अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें बुरी तरह से मारा-पीटा गया है। वहीं जब कुछ स्थानीय लोग इन अधिकारियों को बचाने के लिए पहुंचे तो उन्हें भी मारा-पीटा गया। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक फिरोजा नाम की महिला है जिसने स्वास्थ्य और पुलिस कर्मियों पर हमले के लिए कथित तौर पर भीड़ को उकसाने का काम किया। इस घटना के बाद आगे किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने और कोविड-19 से संक्रमण के संदेह वाले लोगों को पृथक करने के लिए लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिसकर्मियों ने इस क्षेत्र में फ्लैग मार्च भी किया।

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बेंगलुरु पुलिस के आयुक्त भास्कर राव ने बाद में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से मुलाकात की और उन्हें पदारायणपुरा के हालात की जानकारी दी। इस हिंसक घटना के बाद विभिन्न वर्गों से प्रतिक्रियाएं आईं हैं। कर्नाटक के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा कि पदारायणपुरा जैसी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उन्हें इस घटना के बारे में बताया। उन्होंने कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। मैंने भी अपने अधिकारियों से यही कहा है। हम इस तरह का कोई भी कृत्य किसी की तरफ से भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमने 59 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में पांच प्राथमिकी हो चुकी है।’’
बोम्मई ने इस क्षेत्र का दौरा करते हुए घटना के समय वहां नहीं मौजूद रहने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को भी डांट लगाई है।
उन्होंने एक वरिष्ठ अधिकारी से पूछा, ‘‘ आप कहां थे? जब घटना हुई तब आप क्या कर रहे थे?’’ वहीं स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीमुलु ने इस घटना में शामिल लोगों को चेताया है। भाजपा नेता और सांसद शोभा करंदलाजे ने कहा, ‘‘ लोगों ने कोरोना युद्धाओं पर उस समय पदारायणपुरा में हमला कर दिया जब वे कोरोना से संक्रमित मरीजों के पहले और दूसरे संपर्क को पृथक करने गए थे। कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए स्वास्थ्यकर्मी पूरी रात काम कर रहे हैं और ये लोग हमारे हीरो पर हमले कर रहे हैं। इन राष्ट्रविरोधी लोगों के साथ नरमी न बरती जाए।’’
इसी बीच अल्पसंख्यक नेताओं ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार से मुलाकात की है ताकि कोविड-19 के मरीजों या वाहकों को पहचानने में मदद के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को समझाया जा सके। पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने भी इस हमले की निंदा की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं इस क्षेत्र के कांग्रेस के विधायक बी जेड जमीर अहमद खान ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस इस क्षेत्र में दिन में जाने के बदले रात में क्यों गई थी?
खान ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों से कहा था कि वे सुबह 10 बजे उन लोगों को लेकर आएंगे। खान ने कहा कि हमले करने वाले अनपढ़ श्रमिक थे जिन्हें पता नहीं था कि वे क्या कर रहे हैं। पदारायणपुरा और बापूजी नगर उन प्रथम क्षेत्रों में शामिल है जिसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है क्योंकि लोग यहां सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे थे। 

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