तिरूवनंतपुरम: केरल में बुखार से पिछले चार महीने में 62 लोगों की मौत हो गई जिनमें से 24 लोगों की एच1एन1 इंफ्लुएंजा के कारण मौत हुई। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने आज विधानसभा में कहा कि राज्य में एच1एन1 के अलावा डेंगू और चेचक समेत अलग-अलग तरह के बुखार के मामले सामने आए है जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग को इनसे निपटने के लिए साजोसामान मुहैया कराए गए हैं।
इस मुद्दे पर विपक्ष द्वारा स्थगन प्रस्ताव लाने के लिए एक नोटिस के जवाब में मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ पेयजल की कमी कई बीमारियों के फैलने की वजह है। उन्होंने कहा, ‘सरकारी अस्पतालों के पास किसी भी तरह के बुखार के फैलने से निपटने के लिए साजो सामान है। राज्य सरकार के सभी दवाखानों में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां हैं। इस साल एच1एन1 दक्षिणी राज्यों में तेजी से फैला है और केरल में भी यह फैलना शुरू हो गया है।” मंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है।
उन्होंने कहा कि डेंगू और अन्य बुखारों से निपटने के लिए रोग निवारक और एहतियाती तंत्र विकसित करने के लिए जनवरी से लेकर अब तक विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बहु स्तरीय बैठकें हुई है। इस बीच नोटिस लाने वाले पूर्व स्वास्थ्य मंत्री वी एस शिवकुमार (कांग्रेस) ने कहा कि सरकार द्वारा एहतियाती कदम उठाने में हुई देरी और ढील के कारण इस वर्ष बुखार का प्रकोप फैला।
उन्होंने कहा कि राज्य में मानसून आने से पहले ही विभिन्न बीमारियों के कारण 62 लोगों की मौत हो चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन ने इस मुद्दे पर चर्चा करने की विपक्ष की मांग को नामंजूर कर दिया जिसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
-भाषा