देश में सभी भाषाओं का समान रूप से प्रचार करने के मामले में कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा। पार्टी का सवाल है कि सरकार आखिर क्यों कन्नड़ भाषा के प्रचार पर केवल 3 करोड़ रुपये ही खर्च कर रही है, जबकि संस्कृत के लिए 640 करोड़ रुपयों का बजट रखा गया है। कन्नड़ को भारत की छठी शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है।
The HM has claimed in an interview that the BJP stands for ‘promotion’ of all languages…
1. Is that why the Modi Govt has spent Rs 640 cr to promote Sanskrit and JUST Rs 3 cr to support promotion of Kannada, one of the six classical languages of the country?
2. Is that why the…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 5, 2023
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर कहा कि गृह मंत्री ने अपने साक्षात्कारों में कहा था कि उनकी सरकार देश में सभी भाषाओं के प्रचार-प्रसार के लिए काम करेगी। क्या इसीलिए मोदी सरकार ने संस्कृत के लिए 640 करोड़ रुपये का बजट रखा है और कन्नड़ भाषा के लिए केवल 3 करोड़ रुपयों का, जबकि कन्नड़ को भारत की छठी शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है। उन्होंने पूछा क्या इसलिए उस शख्स को टेक्स्ट बुक रीविजन कमेटी का चेयरमेन बनाया गया है, जिसने कर्नाटक की स्टेट एंथम केवंम्पु की बुराई की थी। क्या इसलिए फॉरेस्ट कन्जर्वेशन बिल, 2022 में अंग्रेजी शब्दों को हटाकर नामों को हिंदी भाषा में लिख दिया गया?
उन्होंने कहा, मेरे पास एक लंबी लिस्ट है माननीय गृह मंत्री जी, आप उस व्यक्ति के लिए काम करते हैं, जिसका मंत्र है असत्यमेव जयते। उनका यह ट्विट अमित शाह के उस बयान पर आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार केवल हिंदी भाषा का ही प्रचार नहीं कर रही है, बल्कि उनका ध्यान देश की तमाम प्रमुख भाषाओं पर है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से यह सवाल उस समय उठाया गया जब दोनों पार्टी कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए कमर कस रही हैं। कर्नाटक में 224 सीटों पर चुनाव 10 मई को होने हैं, जबकि 13 मई को वोटों की काउंटिंग होनी है।
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में पांच प्रमुख वादों को शामिल किया है, जिनमें – ग्रह ज्योति (200 यूनिट्स तक फ्री बिजली), ग्रह लक्ष्मी (परिवार की प्रमुख महिला को प्रतिमाह 2000 रुपये), अन्न भाग्य – गरीब लोगों को 10 किलो तक अपनी पसंद का खाद्य पदार्थ (चावल, ज्वार, दाल आदि) देना शामिल है। पार्टी की तरफ से यह भी कहा गया है कि प्रदेश में धर्म और जाति के खिलाफ बोलने वाले व्यक्ति या संगठन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर बजरंग दल और पीएफआई जैसे संघटनों ने प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिश की तो, उन पर बैन लगाया जाएगा। बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में बजरंग दल पर बैन लगाने वाले पर बयान पर कांग्रेस को घेरा भी है।