शिवसेना की मध्य प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख रमेश साहू के हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने गुरुवार को सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इन आरोपियों को मध्य प्रदेश और गुजरात के अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है।
पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विवेक शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि डकैत गिरोह में शामिल विजय धनसिंह (19) को गुजरात के मशहूर धार्मिक स्थल द्वारका के पास एक गांव से पकड़ा गया जहां वह मजदूरी कर रहा था। पुलिस के अनुसार साहू की एक डकैती के दौरान हत्या की गई थी।
आईजी विवेक शर्मा ने बताया कि इंदौर शहर से सटे उमडीखेड़ा गांव में एक और दो सितंबर की दरम्यानी रात साहू (70) के घर डकैती की वारदात के दौरान हुए विजय ने ही कथित तौर पर गोली मारकर साहू की हत्या कर दी थी, जब बदमाशों के बंधन से आजाद होने के लिए पूर्व शिवसेना नेता संघर्ष कर रहे थे।
आईजी ने बताया कि मामले के छह अन्य आरोपियों को मध्य प्रदेश के धार और खरगोन जिलों के अलग-अलग गांवों से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि आरोपियों के कब्जे से वारदात में इस्तेमाल चार पहिया वाहन, तीन देशी कट्टे और चार कारतूस जब्त किए गए हैं।
हत्याकांड के बाद साहू के घर से ले जाए गए सोने-चांदी के आभूषण भी आरोपियों से बरामद हो गए हैं। आईजी ने बताया कि पुलिस के लिए इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाना चुनौतीपूर्ण था क्योंकि पहले लग रहा था कि कुछ बेशकीमती अचल संपत्तियों के विवाद में साहू की हत्या की गई।
अधिकारियों ने बताया कि साहू 1990 के दशक में शिवसेना के प्रदेश प्रमुख रहे थे। हालांकि, पिछले कुछ सालों से वह राजनीति में सक्रिय नहीं थे और इंदौर-खंडवा रोड पर उमड़ीखेड़ा गांव में ढाबा चलाते थे। उन्होंने बताया कि साहू इस ढाबे के साथ बने घर में अपने परिवार के साथ रहते थे जहां आठ दिन पहले डकैती की वारदात के दौरान उनकी हत्या की गई थी।