बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से अब तक 70 लोगो की जान जा चुकी है। इस मामले को लेकर परिवार वालों का कहना है कि ज्यादातर लोगो की जान समय पर इलाज न मिलने की वजह से गई है।
छपरा में जहरीली शराब पीने से मौत का आंकड़ा 70 के पार पहुंच गया है। मंगलवार से शुरु हुआ जहरीली शराब से मौत का सिलसिला शानिवार तक जारी है। इसुआपुर जिले से शुरु हुई जहरीली शराब से मौत की खबर अलग अलग जगहों से सामने आ रही है। बता दे मशरख, मढ़ौरा, तरैया, अमनौर सहित बनियापुर गांव से भी मामले सामने आने लगे है।
बिहार में शराबबंदी के बावजूद लोगो तक कैसे पहुंची शराब
इतनी ज्यादा संख्या में मौत होने के बाद प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे है। कि बिहार सरकार ने शराब पर बैन लगा रखा है। लेकिन इसके बाद शराब कैसे बिक रही है। यह सोचने का विषय है। शराबबंदी को लेकर सवाल उठ रहे है। कि क्या जहरीली शराब पीने के बाद कोई इलाज नहीं था? क्या जहरीली शराब से मरने वालो को बचाया नहीं जा सकता था? दरअसल जहरीली शरीब पीने के बाद बीमार पड़े लोग पुलिस के जुर्माने और कानूनी प्रक्रिया की वजह से डर के कारण अस्पताल नहीं गए। घर में ही खुद से देशी इलाज शुरु कर दिया। जहरीली शराब से बचने के लिए उल्टी कराने के लिए साबुन और नमक का घोल भी पिलाया गया। इसके बाद लोग अस्पताल भी गए लेकिन इसके बाद भी लोगो की जान नहीं बची। बताया जा रहा है। जहरीली शराब पीने से लोगो की आंख की रोशनी चली गई थी।
अस्पताल
जाने से पहले ही लोगो ने तोड़ा दम
जानकारी के मुताबिक जहरीली शराब पीने के बाद जब अस्पताल में इलाज किया गया तो इस दौरान डॉक्टरों ने बताया कि परिस्थिति नियंत्रण से बाहर है। इसके बाद मरीजों को छपरा सदर अस्पताल रेफर किया गया लेकिन छपरा पहुंचने से पहले ही मरीजो की मौत हो गई।