मध्य प्रदेश में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण आठ लोगों की जान चली गई है। राज्य के 12 जिलों के 454 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को बाद प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया। उन्होंने कहा कि बाढ़ में फंसे 40 गांवों के लगभग 1200 और लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने निवास पर संवाददाताओं को बताया, ‘‘दीवार गिरने एवं उफनते नदी-नालों में बह जाने से आठ लोगों की मौत हुई है।’’ पिछले दो दिन से लगातार हो रही भारी बारिश ने प्रदेश के 12 जिलों के 454 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), मध्य प्रदेश आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) एवं वायुसेना सहित अन्य बचाव दल कर्मियों ने इस बाढ़ में फंसे इन गांवों के 7,000 से अधिक लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाके से सुरक्षित निकाला है।’’
उन्होंने बताया, ‘‘बाढ़ में फंसे 40 गांवों के लगभग 1200 लोगों को और निकाला जाना है और उसके प्रयास जारी हैं।’’ उन्होंने कहा कि 170 राहत शिविर में 9300 लोग रह रहे हैं। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और मुख्यमंत्री आवास में नियंत्रण कक्ष बनाकर मैं खुद निगरानी कर रहा हूं। नर्मदा एवं उसकी सहायक नदियों में भारी बाढ़ आई हुई है।
उन्होंने कहा कि तवा एवं बरगी बांध ओवरफ्लो हो रहे थे, इसलिए इन बांधों के गेट खोलने पडे़। उसके कारण होशंगाबाद में नर्मदा नदी खतरे के निशान को पार कर गई। इससे नर्मदा के दोनों तटों पर बसे होशंगाबाद, रायसेन एवं सीहोर के जिलों में तबाही मच गई। कई शहर एवं गांव पानी में डूब गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुक्रवार रात से ही राहत एवं बचाव का काम व्यापक पैमाने पर चल रहा है। मैंने आज प्रात:काल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चर्चा की और प्रदेश में आई बाढ़ के बारे में पूरी स्थिति की जानकारी दी है। मैंने कल रात को केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात कर मदद मांगी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टरों को बाढ़ में फंसे लोंगों को बचा कर सुरक्षित स्थानों में लाने के लिए लगाया गया है। हमने दो और हेलिकॉप्टरों की मांग की है। सेना के 70 जवानों का दल पहले से ही बचाव कार्य में लगी है और बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को होशंगाबाद, सीहोर एवं रायसेन जिलों से निकाल रही है। हमने सेना के और जवानों की मांग की है।
उन्होंने कहा कि बाढ़ में फंसे लोगों में से किसी भी व्यक्ति को जान नहीं गवानी पड़ी है। यह मेरे लिए संतोष की बात है। जिन 12 जिलों में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश ने तबाही मचाई है, उन जिलों में आज बारिश में कमी आई है, क्योंकि अब बादलों का रुख पश्चिमी मध्य प्रदेश की ओर हो गया है।
उन्होंने कहा कि अनुमान है कि पश्चिमी मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, रतलाम, देवास, झाबुआ, अलीराजपुर, मंदसौर एवं नीमच में अगले 24 घंटे में भारी बारिश होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि पश्चिमी मध्य प्रदेश के इन जिलों के अधिकारियों को भी पूरी तरह से सतर्क कर दिया गया है। भाषा रावत धीरज