बिहार और असम में आई बाढ़ से लोगों का जनजीवन अस्त व्यक्त हो गया है। दोनों राज्यों में मरने वालों की संख्या बुधवार तक 94 पहुंच गई है। 17 जुलाई तक असम के 29 जिलों के 4,626 गांवों में लगभग 57, 51,938 लोग बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं। पूरे राज्य में 427 संख्या में राहत शिविर संचालित हैं। बाढ़ के कारण कुल 28 लोगों की जान चली गई है।
वहीं बिहार में अब तक 66 लोगों की मौत हो चुकी है। बिहार के सीतामढ़ी की 176 पंचायतों की 17 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। अररिया के नौ प्रखंडों की 124 पंचायतें जलमग्न हैं। यहां 9.24 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। एनडीआरएफ की टीम लगतार लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में लगी हुई है।
एनडीआरएफ की 9वीं वाहिनी के कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बुधवार को बताया कि बचावकर्मियों ने मधुबनी से तीन, अररिया एवं मुजफ्फरपुर से दो-दो और पूर्वी चंपारण जिला से एक महिला को सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से सुरक्षित निकालकर नजदीकी अस्पतालों तक पहुंचाया है।
उन्होंने बताया कि उत्तर बिहार में बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 19 टीमें बाढ़ प्रभावित अररिया, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सुपौल, कटिहार तथा गोपालगंज जिलों में मुस्तैदी से तैनात है।
विजय ने बताया कि उत्तर बिहार में आई बाढ़ के दौरान एनडीआरएफ बचावकर्मियों ने अब तक 4,100 से अधिक बाढ़ पीड़ितों को सुदूर ग्रामीण बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के बचावकर्मी बाढ़ प्रभावित विभिन्न जिलों में जरुरतमंद लोगों को स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर सहायता मुहैया कर रहे हैं।