सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग ने सोमवार को सिक्किम के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया। उन्हें पी एस गोले के रूप में जाना जाता है। राज्यपाल गंगा प्रसाद ने यहां पलजोर स्टेडियम में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
चुनाव मैदान में नहीं उतरने के कारण गोले इस समय राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। स्टेडियम में मौजूद एसकेएम के हजारों समर्थकों ने नेपाली भाषा में शपथ ग्रहण करते समय 51 वर्षीय पार्टी प्रमुख का उत्साहवर्द्धन किया। पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के वरिष्ठ नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत नहीं किया।
2013 में गठित एसकेएम ने 32 सदस्यीय सिक्किम विधानसभा में 17 सीट जीत कर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। एसडीएफ को 15 सीटों पर जीत मिली है। एसकेएम ने 24 से अधिक साल तक सत्ता में रहने के बाद चामलिंग सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया।
गोले ने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से स्नातक किया और एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया। समाज सेवा के लिए उन्होंने तीन साल की सेवा के बाद सरकारी नौकरी छोड़ दी और बाद में एसडीएफ में शामिल हो गये। गोले की तीन दशक की राजनीतिक यात्रा घटनापूर्ण रही है।
वह 1994 से लगातार पांच बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए और 2009 तक एसडीएफ सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया। एसडीएफ सरकार के चौथे कार्यकाल (2009-14) के दौरान चामलिंग ने उन्हें मंत्री पद देने से इंकार कर दिया इसके बाद गोले ने पार्टी छोड़ दी और अपना दल बनाया।
उन्होंने सभी एसडीएफ के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और एसकेएम प्रमुख के रूप में जिम्मेदारी संभाली। 2016 में, गोले को 1994 और 1999 के बीच सरकारी धन की हेराफेरी करने के लिए दोषी ठहराया गया था और बाद में विधानसभा में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी।
51 वर्षीय गोले राज्य के पहले ऐसे राजनेता थे जिन्हें सजा मिलने के बाद विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने सिक्किम हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती दी जिसने निर्णय को बरकरार रखा जिसके कारण गोले को समर्पण करना पड़ा। 2018 में, जब गोले जेल से बाहर निकले तो उनके हजारों समर्थकों ने उनका स्वागत किया और अपने नेता के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए जुलूस निकाला।