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पुरी जगन्नाथ मंदिर में चूहों के झुंड ने किया हमला, कुतर रहे भगवान जगन्नाथ के पोशाक

ओडिशा के पुरी के मशहूर जगन्नाथ मंदिर में चूहों के झुंड ने हमला कर दिया है। वे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के भेषों को कुतर-कुतर कर खा रहे हैं

ओडिशा के पुरी के मशहूर जगन्नाथ मंदिर में चूहों के झुंड ने हमला कर दिया है। वे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के भेषों को कुतर-कुतर कर खा रहे हैं। तीर्थस्थल के अधिकारी इससे चिंतित हैं, और वे चूहों के झुंड को भगाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। सेवादारों ने कहा कि गर्भगृह और मंदिर के भीतर देवी-देवताओं की लकड़ी की मूर्ति है, जिसको लेकर चिंता और बढ़ी हुई है।
देवताओं के वस्त्र और माला को नष्ट कर रहे
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक सेवादार सत्यनारायण पुष्पलक ने कहा, “चूहों की झुंड और उसके द्वारा फैलाए गए कचरे से अनुष्ठान में मुश्किलें आ रही है। हर दिन, वे देवताओं के वस्त्र और माला को नष्ट कर रहे हैं। इसके अलावा, चूहे देवताओं के चेहरे को खराब कर रहे हैं।”
महामारी में श्रद्धालुओं के लिए बंद थे मंदिर
एक अन्य सेवादार, भगवान पांडा ने कहा कि फर्श पर पत्थरों के गैप के बीच छोटे-छोटे छेद देखे गए थे, जो गर्भगृह की संरचना के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। 2020 और 2021 के दौरान कोविड महामारी में मंदिर में चूहों और तिलचट्टों ने हमला किया था और इसकी संख्या इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि उनसे छुटकारा पाना मुश्किल हो रहा है। महामारी में मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था। 
चूहों के को मारने के लिए नहीं कर रहे पॉइजन का इस्तेमाल
मंदिर प्रशासन ने कहा कि वे समस्या से वाकिफ हैं। मंदिर प्रशासक जितेंद्र साहू ने कहा, “हम इस मुद्दे के प्रति सतर्क हैं और चूहों से छुटकारा पाने के लिए जरूरी उपाय कर रहे हैं। एक अस्थायी उपाय के रूप में, हम जाल बिछा रहे हैं। फंसे हुए चूहों को मंदिर के बाहर बहुत दूर छोड़ा जा रहा है।” उन्होंने कहा कि हम चूहों को मारने के लिए पॉइजन का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। मामले के जानकार बताते हैं कि अगर पॉइजन दिया जाता है तो वे मर जाएंगे और मंदिर परिसर के भीतर ही रह जाएंगे, जिससे और ज्यादा समस्या पैदा होगी।

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