जैसे-जैसे समय बीत रहा है वैसे -वैसे जनावरों की गिनती भी कम होती जा रही है। पहले सुबह उठते ही चिड़ियों की आवाज़ें सुनने को मिलती थी , लेकिन अब वो आवाज़े जैसे कहीं उड़ कर ही चली गयी। हाथियों से जुड़े वारदात भी कई ज़्यादा सामने आने लगे हैं। जहां हाथियों की दर्दनाक मौत की ख़बरें हर दिन सुनने को मिलती है। हर दिन एसी खबरों ने सबको हिला कर रखा है । जी हां रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में पिछले डेढ़ से 2 साल में 8 से 10 हाथियों की मौत हो चुकी है। शनिवार (9 सितंबर) की रात एक नर हाथी की करंट लगने से मौत हो गई बताया जा रहा है कि दो हाथी भूख लगने पर ग्राम मेढरमार के एक खेत में घुस गये। इसी दौरान एक हाथी खेत में लगे खंभे की फेंसिंग तारों की जड़ में आ गया. विभाग की जानकारी के अनुसार हाथी का पोस्टमार्टम कराया गया है पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही हाथी की मौत का खुलासा होगा।