तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन सोमवार यानी आज (9 अक्टूबर) विधानसभा में कोवेरी जल मुद्दे को लेकर एक प्रस्ताव पेश करेंगे। इस प्रस्ताव में सीएम स्टालिन केंद्र सरकार से अनुरोध करेंगे कि वह कर्नाटक सरकार को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के आदेशों के अनुसार कावेरी का पानी छोड़ने का निर्देश दे।
कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच विवाद
दरअसल, कावेरी नदी के जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच विवाद चल रहा है। नदी को दोनों राज्यों के लोगों के लिए जीविका का प्रमुख स्रोत माना जाता है। सीडब्ल्यूआरसी (Cauvery Water Management Authority) ने कर्नाटक को 28 सितंबर से 15 अक्टूबर तक तीन हजार क्यूसेक पानी तमिलनाडु को देने का आदेश दिया था। इससे पहले, पानी छोड़े जाने की मात्रा पांच हजार क्यूसेक थी। इसी को लेकर दोनों राज्यों में विवाद है।
तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी देने से मना कर दिया
कर्नाटक ने तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी देने से मना कर दिया है। उसने इसके पीछे अपने राज्य के कुछ हिस्सों में आए सूखा का हवाला दिया है। इसके साथ ही कर्नाटक ने कम बारिश की भी बात कही है। वहीं, तमिलनाडु का आरोप है कि कर्नाटक सरकार झूठ बोल रही है। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एम सिद्धारमैया का कहना है कि राज्य सरकार कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और सुप्रीम कोर्ट के सामने एक याचिका दायर करेगी। उनका कहना है कि हमारे पास पानी नहीं है। इसलिए कर्नाटक तमिलनाडु को अधिक पानी नहीं दे सकता।