गोवा के चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल कांग्रेस की मौजूदगी से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की किस्मत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि ये पार्टियां चुनाव के बाद खत्म हो जाएंगी। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को यह बात कही।
यहां पत्रकारों से बात करते हुए, सावंत ने यह भी कहा कि आगामी 2022 के राज्य विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन की पार्टी की रणनीति में जीत हासिल करना महत्वपूर्ण मानदंड था, यह कहते हुए कि कुछ विधायकों को कट का सामना करना पड़ सकता है, जब उम्मीदवारों के चयन की बात आती है।
सावंत के बारे में पूछे जाने पर सावंत ने कहा, मुझे नहीं लगता कि भाजपा को किसी समस्या का सामना करना पड़ेगा। नई पार्टियां हैं, जो हर बार उभरती हैं। यह चुनावी वर्ष है, वे यहां केवल चुनाव के लिए आये हैं। उसके बाद वे नहीं आएंगे। अगले साल की शुरूआत में राज्य में चुनाव होने पर आप और तृणमूल का भाजपा के चुनावी भाग्य पर असर पड़ेगा।
सावंत ने यह भी कहा, चुनाव नजदीक आने के साथ ही कई दल गोवा में प्रवेश कर रहे हैं। गोवा में जिस भाजपा सरकार का मैं नेतृत्व कर रहा हूं, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से काफी मदद मिल रही है। सावंत ने यह भी कहा कि 2022 का चुनाव लड़ने के लिए कुछ मौजूदा विधायकों को टिकट देने से इनकार करना कोई नई घटना नहीं है।
इस तरह की प्रथा सभी राजनीतिक दलों में प्रचलित है। सावंत ने कहा, जैसा कि मैंने पहले कहा है, यह हर साल होता है। कुछ मौजूदा विधायकों ने भी अपने टिकट रद्द कर दिए हैं। जीत का मापदंड है। केंद्रीय पार्टी टिकटों पर फैसला करती है। यह (उम्मीदवार का चयन) संसदीय बोर्ड के हाथ में है।