झारखंड के चक्रधरपुर रेल मंडल में अबतक का सबसे बड़ा मालगाड़ी रेल हादसा हुआ है। जिसमें चार डिब्बे पटरी से उतर गए। मालगाड़ी लौह अयस्क लेकर रेलवे यार्ड से निकल कर राउरकेला की ओर जा रही थी। तभी अचानक मालगाड़ी पीछे की तरफ रोल डाउन हो जाने के कारण मालगाड़ी के चार डिब्बे बेपटरी हो गए।
रेल मंडल के बिमलगढ़ रेलवे स्टेशन में आयरन ओर से लोडेड मालगाड़ी रोल डाउन होकर दुर्घटनाग्रस्त होने से मालगाड़ी के 60 डिब्बे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। हादसे में मालगाड़ी 24 किलोमीटर रोल डाउन हो गई। ट्रेन 110 किलोमीटर की रफ्तार से रोल डाउन हुई। मालगाड़ी के इस तरह दुर्घटनाग्रस्त होने से बिमलगढ़ सेक्शन में ट्रेनों का परिचालन भी प्रभावित हुई है। इस हादसे से रेलवे को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
रेलवे ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। हादसे में दो रेलकर्मी के जख्मी होने की खबर सामने आई है। घटना की सूचना के बाद से रेल मंडल में हड़कंप मचा हुआ है। बचाव राहत के लिए चक्रधरपुर और बंडामुंडा से रिलीफ ट्रेन और क्रेन निकली। बचाव राहत की टीम क्रेन से वैगन उठाने व पटरी को दुरुस्त करने में जुटी है।
सीनियर डीसीएम फ्रेट विजय कुमार यादव ने बताया कि 22 दिसंबर की देर शाम यह रेल हादसा हुआ। एक मालगाड़ी साइडिंग में लोड होकर मैन लाइन पर लाई जा रही थी। इसी दौरान इंजन का ब्रेक फेल हो गया। मालगाड़ी के इंजन में बैठे चालक ने ट्रेन को ब्रेक मारकर रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन ट्रेन नहीं रुकी। जिसके बाद चालक और गार्ड ने कूदकर अपनी जान बचाई। इसके बाद ढलान होने के कारण यह ट्रेन बिना ड्राइवर और गार्ड के 100 से भी अधिक रफ़्तार में भागने लगी। तकरीबन 20 किलोमीटर तक का फासला इस ट्रेन ने तय कर लिया। इस दौरान ट्रेन ने कई रेल फाटकों को भी पार किया।