भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को निर्वाचन आयोग से अनुसूचित जातियों का भिखारियों के साथ तुलना करके उनके विरूद्ध कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणियां करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के एक नेता और उनके पार्टी नेतृत्व के विरूद्ध कार्रवाई की अपील की।
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को सौंपे एक ज्ञापन में कहा कि तृणमूल नेता सुजाता मंडल खान ने भगवा दल के प्रति समर्थन को लेकर अनुसूचित जाति समुदाय को निशाना बनाया है। भाजपा ने उन पर अनुसूचित जाति के सदस्यों के विरूद्ध अपमानजनक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया है।
पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से कहा कि खान की टिप्पणियां आदर्श आचार संहिता, भारतीय दंड संहिता एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) अधिनियम का उल्लंघन हैं। भाजपा ने कहा, ‘‘यह न तो पहली बार हुआ है न ही अचानक दिया गया बयान है।
इससे तृणमूल कांग्रेस की मानसिकता और ममता बनर्जी द्वारा तय पैटर्न की झलक मिलती है जिसके तहत उन्होंने धर्म या जाति के आधार पर चुनाव को ध्रुवीकृत करने का निरंतर प्रयास किया और वह बाहरी का हौवा खड़ा कर अतिवाद तक पहुंच गयीं और भारतीय संविधान के मूल आधारों को चुनौती दी।’’ इस प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, पार्टी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम थे।
भाजपा ने आरोप लगाया कि ऐसे ‘‘चौंकाने वाले एवं अपमानजनक बयान ’’ लोकतांत्रिक राजसत्ता पर एक आघात है और यह बड़ा ‘‘शर्मनाक एवं अशोभनीय’’ है कि ऐसे बयान तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पश्चिम बंगाल में लोगों के बीच वैमनस्य एवं नफरत फैलाने के लिए खुलेआम देते हैं।
उसने कहा, ‘‘ इसलिए हम इस आयोग से सुजाता मंडल खान और तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व के विरूद्ध चुनाव कानूनों, भारतीय दंड संहिता एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) अधिनियम, 1989 एवं आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के तहत जरूरी कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं। ’’ हाल की एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी ने तृणमूल को निशाना बनाने के लिए खान के बयान का हवाला दिया था।