मशहूर फैशन एवं आभूषण डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी के मंगलसूत्र के विज्ञापन की देशभर में कड़ी आलोचना के बीच रविवार को अपना मंगलसूत्र अभियान वापस ले लिया और कहा कि विज्ञापन से समाज के एक वर्ग को पहुंची पीड़ा पर उन्हें ‘‘गहरा दुख’’ है।
नरोत्तम मिश्रा ने सब्यसाची को ‘आपत्तिजनक एवं अश्लील’ विज्ञापन को हटाने के लिए ‘अल्टीमेटम’ दिया था
इस विज्ञापन के विरोध में सोशल मीडिया मंचों पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने भी खुलकर इसकी आलोचना की थी। इससे पहले मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सब्यसाची को मंगलसूत्र के ‘आपत्तिजनक एवं अश्लील’ विज्ञापन को हटाने के लिए रविवार को 24 घंटे का ‘अल्टीमेटम’ दिया था और चेतावनी दी कि अगर वह इसे 24 घंटे में नहीं हटाएंगे तो उनके खिलाफ मामला दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मंगलसूत्र अभियान का मकसद समावेशिता और सशक्तीकरण पर बातचीत करना था
सब्यसाची ने इंस्टाग्राम पर लिखा,‘‘ धरोहर और संस्कृति पर सतत चर्चा की पृष्ठभूमि में मंगलसूत्र अभियान का मकसद समावेशिता और सशक्तीकरण पर बातचीत करना था। इस अभियान का मकसद उत्सव मनाना था और हमें इस बात का गहरा दुख है कि इससे हमारे समाज के एक वर्ग को कष्ट पहुंचा है। इसलिए हमने इस अभियान को वापस लेने का निर्णय लिया हैं।’’
डाबर के उत्पाद फेम क्रीम ब्लीच के विज्ञापन को भी बताया था आपत्तिजनक
बता दें कि मिश्रा ने इससे पहले डाबर इंडिया लिमिटेड के उत्पाद फेम क्रीम ब्लीच के विज्ञापन में एक समलैंगिक महिला जोड़े को करवा चौथ मनाते हुए और एक-दूसरे को छलनी से देखते हुए दिखाये जाने को भी आपत्तिजनक बताया था। मंत्री ने कंपनी पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद डाबर ने पिछले सप्ताह उक्त विज्ञापन वापस ले लिया था।
यह था विज्ञापन
सब्यसाची के मंगलसूत्र विज्ञापन में गहरे गले की पोशाक एवं मंगलसूत्र पहने एक महिला को एक व्यक्ति के साथ अंतरंग स्थिति में दिखाया गया है। डिजाइनर द्वारा इस तस्वीर को साझा किये जाने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया था और सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं ने इसे असभ्य एवं हिन्दू संस्कृति के खिलाफ बताया था।