बिहार के बाद अब नीतीश कुमार की पार्टी जदयू मणिपुर में भी भाजपा सरकार से समर्थन वापिस लेने जा रही है। हालांकि इससे भाजपा सरकार को कोई खतरा नहीं है, मुख्यमंत्री भाजपा का ही बना रहा रहेगा लेकिन जदयू बीजेपी से गठबंधन तोड़ने जा रही है। यह तमाम जानकारी भाजपा पार्टी सूत्रों ने दी है।
मणिपुर भाजपा से वर्षों पुराना रिश्ता तोड़ने जा रही है नीतीश की पार्टी
पार्टी सुत्रों ने कहा है कि जदयू भाजपा से गठबंधन तोड़ने जा रही है। इससे बीरेन सिंह सरकार को कोई खतरा नहीं है। मौजूदा समय में भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन को 60 सीटों वाली विधानसभा में 55 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इसमें जदयू के सात सदस्य शामिल हैं। यहां, भले ही पार्टी समर्थन वापस ले लेती है, सत्तारूढ़ गठबंधन की संख्या 48 होगी, जो 31 के बहुमत के निशान से काफी ऊपर है।
पटना में होगा अंतिम फैसला
नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ गठबंधन समाप्त कर दिया और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर चले गए, लेकिन जदयू मणिपुर में बीरेन सिंह सरकार को बाहरी समर्थन दे रहा था। इस पर अंतिम फैसला पार्टी की मणिपुर इकाई की जदयू के राष्ट्रीय नेताओं के साथ 3-4 सितंबर को पटना में होने वाली बैठक के दौरान होगी।
जदयू ने दिया था भाजपा को समर्थन
इस साल की शुरुआत में हुए राज्य के चुनावों में भाजपा और जदयू गठबंधन में नहीं थे। मणिपुर इकाई के सूत्रों ने कहा कि चुनावों के बाद, जदयू के सात विधायकों ने बीरेन सिंह सरकार को समर्थन दिया था क्योंकि पार्टी एनडीए का हिस्सा थी। सूत्रों ने कहा कि जदयू की मणिपुर इकाई ने 10 अगस्त को हुई राज्य कार्यकारिणी की पिछली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की थी।
जदयू का भाजपा पर आरोप
नीतीश कुमार ने इस महीने की शुरुआत में बीजेपी से गठबंधन खत्म कर दिया था। जदयू ने आरोप लगाया कि भाजपा महाराष्ट्र मॉडल को दोहराने की साजिश कर रही है। जहां उद्धव ठाकरे सरकार को शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी, जो अब मुख्यमंत्री हैं।