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पत्नी और बेटे से मुलाकात के बाद मां से मिलने के लिए जोरहाट रवाना हुए अखिल गोगोई

एनआईए कोर्ट से दो दिन के पैरोल पर रिहा किए गए विधायक अखिल गोगोई रात को पत्नी और बेटे के साथ रुकने के बाद बीमार मां से मिलने शनिवार को जोरहाट के लिए रवाना हो गए।

असम के नेता अखिल गोगोई शुक्रवार रात पत्नी और बेटे से मुलाकात करने के बाद शनिवार को बीमार मां से मिलने के जोरहाट के लिए रवाना हो गए। गोगोई को एनआईए कोर्ट से दो दिन के पैरोल पर रिहा किया गया है। गोगोई शुक्रवार दोपहर को पैरोल मिलने के बाद देर रात गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से बाहर निकले जहां उनका इलाज चल रहा है। 
अखिल गोगोई ने गुवाहाटी में पत्नी और बेटे के साथ किराए के मकान में रात बितायी। उनका बेटा हाल ही में कोविड-19 से स्वस्थ हुआ है। शिवसागर से निर्दलीय विधायक गोगोई ने गुवाहाटी से करीब 300 किलोमीटर दूर जोरहाट रवाना होने से पहले अपने आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं पूरी रात सो नहीं पाया। मेरा बेटा बहुत दुखी और परेशान है। मैंने पूरी रात उसके साथ बितायी। मैं उसे अपने साथ लेकर नहीं जा सकता क्योंकि मैं पुलिस सुरक्षा में जा रहा हूं।’’
गोगोई ने असम में जेल में बंद किसी नेता के पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के विशेष न्यायाधीश प्रांजल दास ने गोगोई के वकीलों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें 48 घंटों के लिए पैरोल दी जिसे वह अपनी सुविधा के अनुसार ले सकते हैं। 
याचिका में अनुरोध किया गया था कि गोगोई को गुवाहाटी और जोरहाट में अपने परिवार के सदस्यों तथा शिवसागर के लोगों से मिलने की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने गोगोई को अपनी बीमार मां और बेटे से मिलने की अनुमति दी। अदालत ने मौजूदा महामारी के कारण उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से मिलने से मना कर दिया।
जेल से 19 महीनों बाद रिहा हुए रेजर दल के अध्यक्ष ने कहा कि बीती रात उन्होंने लॉकडाउन के कारण लोगों के सामने आ रही आर्थिक दिक्कतों के बारे में भी सोचा। उन्होंने कहा, ‘‘सभी को नौटंकी बंद करनी चाहिए और हमारी अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए काम करना चाहिए। सभी को यह पूछना चाहिए कि कैसे वे और अन्य लोग इस मुश्किल हालत में जी पा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को अगले तीन से छह महीने के लिए उन सभी परिवारों को आर्थिक मदद मुहैया करानी चाहिए जिनकी कोई तय आय नहीं है। उन्होंने कहा कि वह शनिवार की रात को जोरहाट जिले में अपने गांव के घर में अपनी मां के साथ रहेंगे।
गोगोई ने कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र शिवसागर जाने की भी अनुमति मांगी थी लेकिन कोर्ट ने इसकी मंजूरी नहीं दी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हाथ जोड़कर शिवसागर के लोगों का आभार जताता हूं। आपने मुझे जेल में बंद रहने के बावजूद निर्वाचित किया और इतिहास बनाया। मुझे उम्मीद है कि मैं जल्द ही मुक्त जाऊंगा और आपकी सेवा करूंगा।’’ गोगोई को मई में विधानसभा के तीन दिन के सत्र के दौरान विधायक के तौर पर शपथ लेने के लिए भी एक दिन के लिए रिहा किया गया था। उन्होंने कहा कि वह आगामी बजट सत्र में अपने निर्वाचन क्षेत्र की दिक्कतों को उठाएंगे।
अपने निजी जीवन के बारे में गोगोई ने बताया कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उनकी पत्नी गीताश्री तामुली को दो दिन पहले आईआईटी-गुवाहाटी से पीएचडी की डिग्री मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस अच्छी खबर के साथ घर आया। इतने मुश्किल वक्त में उनके अपनी पीएचडी पूरी करने से मैं बेहद खुश हूं।’’
गोगोई को राज्य में संशोधित नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों के वक्त जोरहाट से 12 दिसंबर 2019 को ‘‘एहतियाती कदम’’ के तौर पर गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया और हिंसक प्रदर्शनों में भूमिका तथा माओवादियों से संबंधों के आरोप में उन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 के तहत मामला दर्ज किया गया।

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