ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजनीति की नई चाल चली और कांग्रेस को छोड़ने का ऐलान कर दिया। उनके साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया। इससे कमलनाथ सरकार का सिंहासन हिल उठा और अब सरकार गिरती नजर आ रही है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इसका सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा विधायक दलों की बैठक के बाद कहा, “कुल 4 निर्दलीय विधायक हैं, चारों हमारे साथ हैं जो सिंधिया जी के साथ गए हैं वो भी हमारे साथ हैं क्योंकि वो समझ रहे हैं कि एक व्यक्ति की महत्वकांक्षा के चलते उन सबके भविष्य दांव पर हैं।
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ओझा ने कहा, हम सदन के पटल पर बहुमत साबित करेंगे। कांग्रेस के सभी विधायक जो बेंगलुरु में हैं, उन्हें गुमराह किया जा रहा है। वे हमारे साथ हैं। यहां तक कि भाजपा के विधायक भी हमारे संपर्क में हैं। मंगलवार रात सिंधिया ने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया और इस्तीफे में दुख बयां किया।
उन्होंने लिखा, उनके अंदर जो कुछ भी चल रहा था, वो विधानसभा चुनाव के वक्त से ही चल रहा था। सिंधिया ने आगे कहा, 18 साल से चल रहे इस साथ से आगे बढ़ने का वक्त आ गया है। अब एक नई शुरुआत करना चाहता हूं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्टाफ ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफे की हार्ड कॉपी सौंपी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने भी कहा कि कांग्रेस की सरकार को कोई खतरा नहीं है। वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी बहुमत का दावा किया है। सीएम कमलनाथ ने कहा कि चिंता की बात नहीं है, हमारे पास बहुमत है। उन्होंने कहा कि विधायकों को कैद किया गया है।
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के 6 मंत्रियों समेत 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेसियों ने गुस्सा दिखाया। सिंधिया का पुतला जलाया और उन्हें गद्दार कहा गया।