झारखंड के रांची में सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण का डीपीआर तैयार करने के मामले में मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति की गई थी। इस नियुक्ति में हुई अनियमितता और भ्रष्टाचार मामले एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को नोटिस भेजा है। इस नोटिस के राजनीतिक दांव-पेंच फिर से शुरू हो गई।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी पलटवार करते हुए शुक्रवार को कहा कि मेनहर्ट के मामले पर कुछ लोग राजनीतिक रोटी सेंक कर अपना गुजारा कर रहे हैं और 2005 से अब तक इस मामले में आरोपों के अलावा कुछ नहीं मिला है।
दास ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में इस बीच में कई सरकारें आई और चली गई। वर्ष 2011 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद कंपनी को भुगतान किया था, उस समय अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री और हेमंत सोरेन वित्त मंत्री थे। फिर भी राज्य सरकार चाहे जिस एजेंसी से जांच करवाए, मैं घबरानेवाले लोगों में से नहीं हूं। बल्कि मैं ये मांग करता हूं कि निष्पक्ष जांच कराकर सरकार इस मामले का पटाक्षेप करे, ताकि कुछ लोग जो इसे लेकर अपनी राजनीति चमकाने में लगे रहते हैं, उनको जवाब मिल जाए।
उन्होंने कहा साथ ही यदि इसकी जांच कराई जाए कि जिस कंपनी को उसके निक्कमेपन के कारण हटाकर मैनहर्ट का कार्य दिया गया था, उस कंपनी के पैरोकारों कौन हैं, इसमें उनका क्या लाभ था, कंपनी का दफ्तर किसके परिसर में था, तो उनकी पोल अवश्य खुल जाएंगी। झारखंड में ईमानदारी का चोला ओढ़कर कुछ लोग भ्रष्टाचार के नाले में डुबकियां लगा रहे हैं, जल्द ही उनका चेहरा भी बेनकाब होगा। उन्हें मुंह छिपाने के लिए जगह नहीं मिलेगी।