पश्चिम बंगाल में सभी राजनीतिक पार्टियां बहुमत के जादुई आंकड़े को छूने का दावा कर रही है। इसी बीच बंगाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अबु हसेम खान चौधरी ने विधानसभा चुनाव के बाद स्थिति बनने पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ गठबंधन करने की मंगलवार को पैरवी की।
मालदा दक्षिण सीट से लोकसभा सदस्य ने कहा कि कांग्रेस के गठबंधन साझेदार माकपा ने फुरफुरा शरीफ के धर्म गुरु अब्बास सिद्दीकी की आईएसएफ के साथ गठजोड़ किया है, क्योंकि उन्हें डर था कि वे चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाएंगे। चौधरी ने कहा, “ हमने अब्बास सिद्दीकी से हाथ नहीं मिलाया है। माकपा ने उनकी पार्टी से गठजोड़ किया है।
मेरे ख्याल से उन्हें लगा था कि वे चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाएंगे, इसलिए उन्होंने उनके (सिद्दीकी के) साथ गठबंधन किया है।” कांग्रेस नेता ने कहा, “ हमने पहले वाम पार्टियों के साथ समझौता किया और फिर उन्होंने सिद्दीकी के साथ गठबंधन किया। हमने उनसे कहा कि हमें ये पसंद नहीं आया है, लेकिन उन्हें डर था कि शायद वे चुनाव में खराब प्रदर्शन करेंगे। इसलिए उन्होंने सिद्दीकी से हाथ मिला ताकि वह उन्हें धर्म के नाम पर आठ-10 सीटें ला दें।”
चौधरी ने कहा कि कांग्रेस उनको पसंद नहीं करती है सांप्रदायिकता में संलग्न हैं। उन्होंने कहा, “ हम टीएमसी को पसंद नहीं करते हैं, इसकी वजह उसका कांग्रेस के साथ किया गया बर्ताव है। लेकिन टीएमसी सांप्रदायिक नहीं है।” चार बार के सांसद ने कहा, “ अगर चुनाव के बाद स्थिति आती है तो हम पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने के लिए टीएमसी का समर्थन करेंगे। यह मेरी निजी राय है।” वाम मोर्चा, कांग्रेस और आईएसएफ ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन किया है और सत्तारूढ़ टीएमसी तथा भाजपा को टक्कर दे रहे हैं। चौधरी की टिप्पणी से विवाद उठ गया है, क्योंकि तीनों पक्षों ने सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है।
माकपा के मालदा जिला सचिव अंबार मित्रा ने कहा, “ दिल्ली से हरि झंडी मिलने के बाद राज्य स्तर पर वाम-कांग्रेस-आईएसएफ का संयुक्त मोर्चा बना है। इस बात में कोई शक नहीं है कि हम यह चुनाव मिलकर लड़ेंगे। वह एक वरिष्ठ नेता हैं और मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या कहा है और उसपर टिप्पणी नहीं करूंगा।” भाजपा ने कहा कि ‘नापाक’ गठबंधन राज्य में त्रिशंकु विधानसभा आने पर टीएमसी की सरकार बनाने में मदद करेगा। टीएमसी ने दावा किया कि पार्टी 200 से ज्यादा सीट जीत कर सत्ता में लौटेगी और उसे किसी के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी।