अहमदाबाद में साल 2008 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में स्पेशल कोर्ट ने दोषियों की सजा का ऐलान कर दिया। कोर्ट ने 49 में से 38 दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है जबकि 11 दोषियों को ताउम्र जेल में रहने का फैसला सुनाया है। दोषियों को सजा सुनाने के अलावा कोर्ट ने पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश भी दिया है।
सरकारी अधिवक्ता अमित पटेल ने बताया कि स्पेशल जज एआर पटेल ने 49 में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है। कोर्ट ने सजा के साथ पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश भी दिया है।
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इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी। आतंकियों का कहना था कि हमने 2002 में हुए गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए 2008 में ब्लास्ट की इस घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में कुल 77 लोग आरोपी थे, जिनमें से 28 को कोर्ट ने बरी कर दिया था और बाकी 49 लोगों को दोषी करार दिया था। 12 सालों तक चले मामले के बाद यह सजा सुनाई गई है।
बता दें कि अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट के जज अंबालाल पटेल ने 6,752 पन्नों के फैसले में 49 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जबकि 28 को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। ये पहली बार है जब एक साथ 49 आरोपियों को आतंकवाद के आरोप में दोषी ठहराया गया है। दोषियों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और UAPA के तहत दोषी करार दिया गया है।
गौरतलब है कि अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाके में, 70 मिनट के भीतर 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हो गए थे। कोर्ट में 13 साल से भी ज्यादा समय तक मामला चलने के बाद, गत सप्ताह 49 लोगों को दोषी ठहराया गया और 28 अन्य को बरी कर दिया गया।