अहमदाबाद ट्रैफिक पुलिस गरीब बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए काम कर रही है। दरअसल फुटपाथ के बच्चों को शिक्षा देकर ट्रैफिक पुलिस उन्हें गरीबी भरी जिंदगी से बाहर निकालने के प्रयास में लगी हुई है। गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए अहमदाबाद की ट्रैफिक पुलिस की इस नेक पहल की हर कोई तारीफ कर रहा है।
बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए अहमदाबाद की ट्रैफिक पुलिस ने ‘पुलिस पाठशाला’ का प्रोजेक्ट शुरु किया है जिसके तहत वह बच्चों के भविष्य को सुधारने में एक छोटी सी कोशिश कर रहे हैं।
अहमदाबाद की ट्रैफिक पुलिस कर रही है बच्चों के लिए ये काम
फुटपाथों पर रह रहे बच्चों को ट्रैफिक पुलिस अपनी ‘पुलिस पाठशाला’ के प्रोजेक्ट के जरिए फ्री में पढ़ा रही है। इस प्रोजेक्ट के जरिए शहर के तीन मुख्य जगहों में करीब 150 से 200 बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
Ankit Patel, ACP Traffic, Ahmedabad City: We started this project 1.5 years ago.Children residing on footpaths often get involved in crime so we thought to educate them&bring a change in their lives. Once the children get basic knowledge they will be enrolled in regular schools. pic.twitter.com/jHwKcNYHL3
— ANI (@ANI) August 21, 2019
अहमदाबाद ट्रैफिक सहायक पुलिस आयुुक्त अकिंत पटेल से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि यह बदलाव की पहली सीढ़ी है। इस प्रोजेक्ट के बारे में मीडिया से बात करते हुए सहायक पुलिस आयुुक्त ने कहा कि ‘पुलिस पाठशाला’ को 1.5 साल पहले हमने शुरु किया था।
अक्सर देखा गया है कि फुटपाथ पर रहने वाले गरीब बच्चे अपराध करने लग जाते हैं जिनके बाद उनका जीवन अपराध करने वाली जिंदगी में बीतता है। हम इन प्रयासों पर काम इसलिए ही शुरु किया ताकि यह बच्चे अपराध जैसी गंदगी में ना चले जाएं। आज हम जो इतनी बड़ी संख्या पर पहुंचें हैं इसमें पूरी टीम की मेहनत है जिसे हम आगे लेकर जा रहे हैं। अगर आपको बच्चों की जिंदगी से बदहाली के पत्थरों को हटाना है तो उन्हें शिक्षिति करना ही एकमात्र रास्ता है।
इस मामले पर आगे बात करते हुए अकिंत पटेल ने कहा, हम बच्चों को शिक्षिति और उनकी जिंदगी में बदलाव लाना चाहते थे जिसके लिए हम सब ने सहमित से यह फैसला लिया। अंकितने कहा, बुनियादी ज्ञान जब बच्चों को मिलेगा उसके बाद उनका नियमित स्कूलों में एडमिशन करा दिया जाएगा।
बच्चों को शिक्षिति करने का यह प्रोजेक्ट अहमदाबाद की ट्रैफिक पुलिस का शानदार है। देश की मुख्यधारा में फुटपाथ पर रह रहे बच्चों को वापस लाने का प्रयास उनका बिल्कुल सही चल रहा है। इसके अलावा उन्होंने पुलिस की छवि को समाज में नई पहचान दिलाने की भी कोशिश की है।